Mon. Dec 23rd, 2024

Congress Manifesto 2019 : राहुल ने लहराया पंजा, गरीबी पर वार 72 हज़ार

Featured Video Play Icon

ये है राहुल गांधी का ‘हल्ला बोल’। राहुल गांधी ने कांग्रेस का घोषणापत्र जारी किया तो उन्होंने इसे पार्टी के चुनाव चिन्ह पंजे से जोड़ा। पांच प्रमुख घोषणाएं यानी पंजा। गरीब के लिए न्याय, बेरोज़गारों के लिए नौकरी, किसानों के लिए किसान बजट, सबके लिए शिक्षा और स्वास्थ्य के रूप में ये पंजा चुनाव अभियान के दौरान लहराएगा।

25 करोड़ गरीबों को जब मिलेंगे सालाना 72 हज़ार तो क्या वो नहीं करेंगे राहुल को प्यार? 15 लाख का ‘जुमला’ नहीं, राहुल कर रहे हैं ‘सच्चा वादा’। 22 लाख का वादा। जी हां, 22 लाख नौकरियां। ये पद अभी खाली हैं जो 31 मार्च 2020 तक भरने वाली हैं।

राहुल ने दिया है भरोसा कि किसान अब न हों परेशान। उनकी परेशानी अब दूर होगी चट, जब लाएंगे अलग से किसान बजट। सबको शिक्षा, सबको स्वास्थ्य। राहुल ने दिलायी आस।

घबराइए नहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तरकश में तीर हैं और।

आधी आबादी पर भी है राहुल की नज़र

देश की आधी आबादी के लिए कांग्रेस सत्ता में आने पर देगी 33 फीसदी का आरक्षण।

75% SC-ST-OBC वोट बैंक पर भी है निशाना

आरक्षण की बात चली तो ये भी सुन लीजिए कि प्रमोशन में आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन का भी वादा राहुल ने किया है। मगर, उससे पहले एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के जो पद खाली हैं उन पदों को भी भरने का भरोसा कांग्रेस ने देश की 75 फीसदी जनता को दिलाया है।

कश्मीर को भी कांग्रेस ने साधा

कांग्रेस सत्ता में आयी तो नहीं हटेगा धारा 370

घुसपैठ रोकने के लिए सीमा पर बढ़ाए जाएंगे सैनिक

जनता के बीच से हटेगी सेना

पुलिस बल को बनाया जाएगा मजबूत

AFSPA और राजद्रोह के कानून को बदलने का भी वादा

अर्धसैनिक बलों को ‘शहीद’ घोषित करने का है इरादा

मनरेगा वर्जन टू होगा नया हथियार

100 दिन मिले रोज़गार तो 150 दिन मिलेंगे अबकी बार

कांग्रेस राज में नहीं रहेगा गब्बर सिंह टैक्स

आएगा जीएसटी का वर्जन टू

निर्यात की वस्तुओं पर GST को बाय-बाय

दिव्यांग भी होंगे GST से आज़ाद

GST की होगी एक समान दर

अब के मुकाबले होगी कमतर

राहुल गांधी ने मुकाबले की ठान ली है। वो मुद्दे गढ़ रहे हैं। सत्ताधारी बीजेपी से अकेले लड़ रहे हैं। बीजेपी राष्ट्रवाद, हिन्दुत्व जैसे मुद्दों पर राहुल को ललकार रही है, तो राहुल ने गरीबी और बेरोज़गारी की पिच मोदी को ललकारा है। वो बहस की चुनौती भी दे रहे हैं। 2014 में ‘अच्छे दिन’ का इंतज़ार जब ‘जुमला’ बन गया, तो राहुल आए हैं भरोसा लेकर कहते हुए ‘हम निभाएंगे’।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *