Loksabha Election 2019 : गुजरात में 11 सीटें हार रही है BJP
गुजरात में डबल इंजन वाली सरकार है। मतलब ये कि यहां केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर एक पार्टी यानी कि बीजेपी की सरकार है। डबल इंजन वाली सरकार में वोटों के बढ़ने से सत्ताधारी दल को फायदा होता है, ऐसा बस सच का आकलन कहता है।
इस आकलन के अनुसार डबल इंजन वाली सरकार के रहते अगर किसी सीट पर पिछले चुनाव के मुकाबले 1 फीसदी या उससे अधिक मतदान होता है तो नतीजा सत्ताधारी दल के पक्ष में आता है। वहीं अगर 1 फीसदी से कम मतदान हुए तो उम्मीद कम होने लगती है। संघर्ष कांटे का होने लगता है और आसार घटने लग जाते हैं। अगर मतदान प्रतिशत में कोई फर्क नहीं आता या फिर मतदान घटने लगता है तो विपक्ष की जीत सुनिश्चित होती चली जाती है।
इस आधार पर देखें तो गुजरात की 26 सीटों पर 23 अप्रैल को जो चुनाव हुए हैं उनमें मिश्रित रुझान देखने को मिले हैं। 16 सीटें ऐसी हैं जहां 2014 के मुकाबले वोट प्रतिशत बढ़े हैं। वहीं 10 सीटें ऐसी हैं जहां 2014 के मुकाबले मतदान प्रतिशत में कमी आयी है।
इसका मतलब ये है कि बीजेपी गुजरात में 10 सीटें निश्चित रूप से हार रही हैं। इस बात पर यकीन कर पाना आसान नहीं है। नरेंद्र मोदी का किला- गुजरात, जहां 13 साल तक नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री रहे, जहां से 2014 के लोकसभा चुनाव में शत प्रतिशत सीटें पाकर नरेंद्र मोदी ने सीएम के पद को रातों रात पीएम में बदल दिया। उस गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व वाली बीजेपी आधी सीटें हार जाए, ऐसा कैसे हो सकता है! बीजेपी कैसे 10 या उससे भी अधिक सीटें हार सकती है!
अजी चौंकिए नहीं, हारने वाली सीटों की संख्या बढ़ भी सकती है। मगर, सबसे पहले नज़र डालते हैं उन सीटों पर, जहां वोटों का प्रतिशत 1 फीसदी या उससे ऊपर है। ऐसी सीटों की संख्या है 9 और ये सीटें हैं- बनासकांठा, पोरबंदर, पाटन, जामनगर, पंचमहाल, दाहोद, छोटा उदयपुर आणंद, और अमरेली। डबल इंजन की थ्योरी कहती है कि ये सीटें बीजेपी पक्के तौर पर जीत रही है।
एक नज़र 2014 और 2019 में इन 9 सीटों पर हुए मतदान पर नज़र डालते हैं और देखते हैं कि मतदान में आया बदलाव किस तरह का है।
HEADER डबल इंजन वाली सरकार : वोट बढ़े सो BJP की जीत पक्की
सीट 2014 2019 %वृद्धि
बनासकांठा 58.54 64.69 6.15
पोरबंदर 52.62 56.77 4.15
पाटन 58.74 61.98 3.24
जामनगर 57.99 60.70 2.71
पंचमहाल 59.30 61.73 2.43
दाहोद 63.85 66.18 2.33
छोटा उदयपुर 71.71 73.44 1.73
आणंद 64.89 66.79 1.9
अमरेली 54.47 55.73 1.26
गुजरात की 26 सीटों में इन 9 सीटों के अलावा 6 सीटें ऐसी हैं जहां वोटों के प्रतिशत में 1 फीसदी से कम लेकिन आधी फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है वहीं एक सीट ऐसी है जहां आधी फीसदी से कम प्रतिशत वोट बढ़े हैं। एक नज़र उन 7 सीटों और उसके सम्भावित नतीजे पर डालते हैं :
HEADER डबल इंजन वाली सरकार : %वोट वृद्धि के मायने
सीट 2014 2019 %वृद्धि
वलसाड 74.28 75.21 0.93
भावनगर 57.58 58.41 0.83
खेड़ा 59.86 60.68 0.82
गांधीनगर 64.78 65.57 0.79
सुरेंद्रनगर 57.07 57.85 0.78
सूरत 63.90 64.41 0.51
नवसारी 65.82 66.10 0.28
स्पष्ट है कि उन 16 सीटों पर जहां वोट प्रतिशत बढ़े हैं 15 सीटें बीजेपी जीत ले सकती है और एक सीट पर हार का ख़तरा मंडरा रहा है। वहीं अगर उन 10 सीटों पर नज़र डालें जहां वोटों के प्रतिशत में कमी आयी है तो खास बात ये है कि इनमें से 8 सीटें ऐसी हैं जहां 1 फीसदी से अधिक की गिरावट आयी है। डबल इंजन थ्योरी कहती है कि इन सभी सीटों पर सत्ताधारी दल यानी बीजेपी की हार होने जा रही है।
डबल इंजन वाली सरकार : वोट घटे तो सत्ताधारी दल की पक्की है हार
सीट 2014 2019 %कमी
कच्छ 61.78 58.22 -3.56
वडोदरा 70.94 67.86 -3.08
जूनागढ़ 63.43 60.74 -2.69
अहमदाबाद पश्चिम 62.93 60.37 -2.56
मेहसाना 67.03 65.37 -1.66
भरूच 74.85 73.21 -1.64
बारदोली 74.94 73.57 -1.37
डबल इंजन थ्योरी में मतदान प्रतिशत के हिसाब से बीजेपी की हार तो उन सीटों पर भी होने वाली है जहां वोटों का प्रतिशत 1 फीसदी से कम है। यह बात अलग है कि यह हार थोड़े कम अंतर से होगी। आइए नज़र डालते हैं ऐसीसीटों पर
डबल इंजन वाली सरकार : वोट घटे तो सत्ताधारी दल की हार पक्की
सीट 2014 2019 %कमी
साबरकांठा 67.82 67.24 -0.58
राजकोट 63.89 63.15 -0.74
अहमदाबाद पूर्व 61.59 61.32 -0.27
डबल इंजन थ्योरी के आईने में वोटों के प्रतिशत में आयी वृद्धि और कमी का सार ये है कि सत्ताधारी बीजेपी गुजरात की 26 में से 15 सीटें जीत रही है। एक में मुश्किल में है यानी हार सकती है। तीन सीटों पर हार का अंतर कम हो सकता है और 7 सीटों पर बीजेपी निश्चित और करारी हार हो रही है। कहने का मतलब ये है कि इस बात के पूरे आसार हैं कि जब 23 मई को नतीजे आएंगे तो गुजरात का आंकड़ा बीजेपी के हक में 15-11 या 16-10 का होगा।