कश्मीर पर ‘ट्रम्प’कार्ड
ट्रम्प कश्मीर पर करना चाहते हैं मध्यस्थता। हल करना चाहते हैं भारत-पाक विवाद। ट्रम्प की मानें, तो मोदी भी यही चाहते हैं। इमरान ने ट्रम्प के बयान का स्वागत किया। कहा- करोड़ों लोग ट्रम्प को देंगे दुआएं। मगर, अमेरिकी विदेश विभाग ने पलटी खाई। कश्मीर को द्विपक्षीय मामला बताया।
कश्मीर पर अमेरिका का ये रुख चौंकाने वाला है। भारत हमेशा से कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के खिलाफ रहा है। शिमला समझौता ही इसका आधार है। इस समझौते में भारत और पाकिस्तान आपसी विवाद बगैर किसी तीसरे पक्ष के सुलझाने पर सहमत हुए थे।
चौंकाने वाली सबसे बड़ी बात है डोनाल्ड ट्रम्प का ये दावा कि दो हफ्ते पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे मुलाकात के दौरान कश्मीर विवाद हल करने में मध्यस्थता का आग्रह किया था और वे भी इस मुद्दे का हल चाहते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने क्या कहा, उसे हम आपको हिन्दी में बता रहे हैं,
डोनाल्ड ट्रम्प का बयान
“दो सप्ताह पहले पीएम नरेंद्र मोदी से मेरी बात हुई थी। हमारी इस मुद्दे पर बात हुई थी और उन्होंने कहा था कि क्या आप मध्यस्थ हो सकते हैं। यह मुद्दा बीते 70 साल से लटका हुआ है और हमें खुशी होगी यदि हम इसमें कोई मध्यस्थता कर सकें। इस मुद्दे का हल होना चाहिए।”
कई सवाल उठ रहे हैं-
उठ रहे हैं कई सवाल
क्या नरेंद्र मोदी ने कश्मीर पर ट्रम्प से मांगी मदद?
क्या मोदी ने ट्रम्प को मध्यस्थता करने को कहा?
अगर नहीं, तो क्या डोनाल्ड ट्रम्प ने झूठ बोला?
जी हां, ट्रम्प ने झूठ बोला। अमेरिकी विदेश विभाग ने यह साफ कर दिया है कि
कश्मीर भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मसला है- अमेरिकी विदेश मंत्रालय
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी संसद में देश को आश्वस्त किया है कि
नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रम्प से कभी कश्मीर मसले पर मध्यस्थता को नहीं कहा
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से कभी कोई मदद कश्मीर के मसले पर नहीं मांगी है। (BUMPER OUT)
यह साफ हो जाने के बाद कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने झूठ बोला, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान भारत की प्रतिक्रिया पर आश्चर्य जता रहे हैं। मगर, इससे पहले इमरान ने मौके का फायदा उठाने में और मौके पर चौका जड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जैसे ही डोनाल्ड ट्रम्प ने मध्यस्थता की बात कही, इमरान ख़ान बोल बैठे कि अगर वे ऐसा करते हैं तो करोड़ों लोगों की दुआएं उनके साथ होंगी। इससे पहले कश्मीर मुद्दे को छेड़ते हुए कहा
इमरान ने छेड़ा कश्मीर राग
“मैं प्रेजिडेंट ट्रंप से कहना चाहता हूं कि अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश है और वह उपमहाद्वीप में शांति में अहम योगदान दे सकता है। कश्मीर मुद्दे का समाधान दे सकता है। मेरा कहना है कि हमने भारत के साथ बातचीत को लेकर हर सम्भव प्रयास किया है।“
पाकिस्तान की तो फितरत ही यही रही है। आश्चर्य की बात है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कश्मीर पर बात करते हुए आतंकवाद के मसले पर चुप्पी साध ली। सच ये है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत टूटने के लिए खुद पाकिस्तान जिम्मेदार है। आतंकवाद और संवाद साथ-साथ नहीं चलेंगे, यह बात भारत स्पष्ट कर चुका है। फिर भी कभी मुम्बई हमला, कभी पठानकोट तो कभी पुलवामा जैसी हरकत करने से पाकिस्तान बाज नहीं आता।
कुछ दिन पहले भी डोनाल्ड ट्रम्प ने हाफिज सईद को So called terrorist कहकर चौंकाया था। मगर, इस बार ट्रम्प कुछ ज्यादा बोल गये हैं। अच्छा होता अगर खुद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डोनाल्ड ट्रम्प के झूठ का पर्दाफाश करते। दोनों नेताओं के बीच जो बातचीत हुई है उसका सच अपनी ज़ुबान से दुनिया के सामने रख देते। मगर, जानकार मानते हैं कि विदेश मंत्रालय की ओर से दिया गया जवाब भी काफी है।