केरल में बाढ़ : ‘राष्ट्रीय आपदा’
केरल में अंधकार 10 हज़ार किमी सड़कें बर्बाद बह गये हज़ारों पुल एक लाख से ज्यादा परिवार बेघर साढ़े 7 लाख लोग शिविरों में अब तक 400 से ज्यादा की मौत केरल में ये हैं बाढ़ के हालात। यहां लाखों हेक्टेयर पर लगी फसलें ख़राब हो चुकी हैं।
बारिश कम होने के बावजूद केरल के 14 में से 12 ज़िलो में बाढ़ का पानी अभी उतरा नहीं है। जैसे-जैसे पानी का स्तर कम होगा, नुकसान का अंदाजा भी तभी लगाया जा सकेगा। फिर भी राज्य सरकार ने 20 हज़ार करोड़ रुपये के नुकसान का अंदेशा जताया है। केरल के लिए मदद के हाथ पूरी दुनिया से उठ रहे हैं।
संयुक्त अरब सरकार ने करीब 34 करोड़ रुपये की मदद का एलान किया है। वहीं यहां रह रहे भारतीय मूल के कारोबारियों ने अब तक 12.5 करोड़ की मदद भेजी है। इनमें एमए यूसुफ अली 5 करोड़, फातिमा हेल्थकेयर ग्रुप के चेयरमैन केपी हुसैन 5 करोड़ और अरबपति बीआर शेट्टी की ओर से 2 करोड़ रुपये की मदद शामिल हैं।
पोप फ्रांसिस ने भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय से केरल की मदद करने की अपील की है। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रार्थना भी की। केरल को मदद की मांग पूरे देश से उठ रही है। केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने देश के औद्योगिक घरानों और कारोबारियों से बाढ़ पीड़ितों के लिए मदद की अपील की है।
बॉलीवुड भी मदद को सामने आया है। अमिताभ बच्चन, शाहरूख ख़ान, रितिक रौशन, ए.आर रहमान, अनुष्का शर्मा, वरुण धवन, अभिषेक बच्चन भी बाढ़ पीड़ितों की मदद को सामने आए हैं। इन्होंने अपने प्रशंसकों से भी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अपील की है।
दक्षिण के अभिनेताओ में कमल हासन, मोहन लाल, अल्लु अर्जुन, ममुटी व दुलकर सलमान और विजय सेतुपति ने 25-25 लाख रुपये देने की घोषणा की है जबकि धनुष ने 15 लाख बाढ़ पीड़ितों को दिए हैं। सिद्धार्थ, सूर्य शिवकुमार और कार्तिन ने 10-10 लाख की मदद की घोषणा की है। सेना ने 30 हज़ार लोगों को बचाया है और 3500 लोगों को मेडिकल सहायता पहुंचाई है।
कोच्चि में एक घर की छत से नौसेना के कमांडर विजय वर्मा ने हेलिकॉप्टर के जरिए दो महिलाओं को एयरलिफ्ट किया था। स्थानीय लोगों ने इस घर की छत पर ‘थैंक्स’ लिखकर नेवी का शुक्रिया अदा किया है।
सेना की 16, नौसेना की 28 और एनडीआरएफ की 58 टीमें राहत और बचाव का काम कर रही हैं। 67 हेलीकॉप्टर, 24 एयरक्राफ्ट और 548 मोटरबोट्स भी इसी मकसद से अपने-अपने काम में जुटे हैं। सेना इसरो के ओशियन सेट-2, कार्टोसेट-2 समेत पांच सैटेलाइट से मिलने वाली रियल टाइम तस्वीरों की मदद ले रही है।
हालात बताते हैं कि केरल में गम्भीर आपदा की स्थिति से गुजर रही है। केन्द्र सरकार ने भी इसे ‘गम्भीर आपदा’ मान लिया है लेकिन राष्ट्रीय आपदा बचाने से अब तक केन्द्र परहेज कर रहा है। अगर केरल में बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाता तो केन्द्र की 100 फीसदी मदद ग्रांट के तौर पर होती एनडीआरएफ की अतिरिक्त सहायता दी जाती आपदा राहत कोष का गठन किया जाता रकम कम पड़ने पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक फंड से मदद होती लोन वसूली में माफी की जाती रियायती दरों पर लोन दिए जाते मगर, केरल के लोग इन सहूलियतों से महरूम हैं क्योंकि भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया है।
किसी आपदा को राष्ट्रीय घोषित करने में सबसे अहम जो बात होती है वह है स्थानीय सरकार की बेचारगी। अगर स्थानीय सरकार हालात से निपटने में सक्षम नहीं होती है, उसके पास धन और संसाधन कम पड़ जाते हैं तो केन्द्र इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करता है। इससे पहले कश्मीर में आयी बाढ़ और उत्तराखण्ड में हुए विनाश को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया था।
केरल में सड़क, बिजली और दूसरी आधारभूत जरूरतें सामान्य होने में कम से कम दस साल लगेंगे, ऐसा माना जा रहा है। देश और दुनिया से मिल रही मदद का आभार केरल जरूर मानेगा, लेकिन उसे कसक भी रहेगी कि ज़रूरत के समय में देश ने उसकी आपदा को राष्ट्रीय मानने में संकोच किया।