AAP : जीत की हैट्रिक, BJP : हार का छक्का
आम आदमी पार्टी की 5 सीटें घट गयीं और बीजेपी की बढ़ गयीं। यही है दिल्ली का चुनाव परिणाम। कांग्रेस पहले भी शून्य थी, अब भी शून्य है। अन्य का खाता न पहले था, न अब हुआ।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020
कुल सीट 70
आम आदमी पार्टी 62
बीजेपी 08
कांग्रेस 00
आम आदमी पार्टी को 49 लाख 74 हज़ार 522 वोट मिले,
तो बीजेपी को 35, 75, 430 वोट।
कांग्रेस को 3 लाख 95 हज़ार 924 वोट मिले।
2015 विधानसभा चुनाव के मुकाबले आम आदमी पार्टी को मिला वोट कमोबेस एक समान रहा तो बीजेपी को 6 फीसदी से अधिक वोटों का फायदा हुआ। कांग्रेस का वोट प्रतिशत लगभग आधा हो गया। 4.5 फीसदी वोट घट गये।
कहा ये जा रहा है कि कांग्रेस की वजह से बीजेपी हार गयी। मगर यह कैसे हो सकता है? कांग्रेस को 4.26 प्रतिशत वोट मिला है जबकि बीजेपी को आम आदमी पार्टी के मुकाबले करीब 15 प्रतिशत वोट कम मिला है। जाहिर है बीजेपी की हार का कारण खुद बीजेपी है। चंद कारणों पर नज़र डालते हैं-
BJP की हार के कारण
- मुख्यमंत्री के लिए कोई चेहरा आगे नहीं करना
- चुनाव में धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश
- देशभक्ति-देशद्रोह की सियासत
- शाहीनबाग आंदोलन को Fलगातार बदनाम करना
- कांग्रेस और ‘आप’ के खिलाफ नकारात्मक चुनाव प्रचार
- स्थानीय मुद्दों पर बात करने से जी चुराना
- पार्टी में गुटबाजी
बीजेपी के मुकाबले आम आदमी पार्टी का चुनाव प्रचार सघन और सुगठित था। वह स्थानीय मुद्दों पर फोकस रही। नकारात्मक मुद्दों में उलझने से अरविंद केजरीवाल ने पार्टी को रोका। केजरीवाल ने पूरे चुनाव में तमाम उकसावों के बावजूद न तो शाहीन बाग पर अपना मुंह खोला और न ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध कोई बातें ही कीं।
बीजेपी के लिए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से उलझना, उन्हें आतंकवादी बताना भी भारी पड़ गया।
अमित शाह ने दिल्ली में बीजेपी के चुनाव अभियान का नेतृत्व किया, लेकिन वह कोई जादू नहीं कर पाए। बीजेपी के 200 से ज्यादा सांसदों और मंत्रियों को दिल्ली चुनाव में झोंक दिया गया, मंत्री तक चुनाव में लगे रहे। बीजेपी नेताओं के एक के बाद एक नफ़रत भरे बयान सामने आए। इन सब से भी बीजेपी की छवि को करारा धक्का लगा।
जहां जीती BJP
लक्ष्मीनगर, विश्वासन नगर, रोहतास नगर, गांधीनगर, घोंडा, करावलनगर, रोहिणी
पर जीत दर्ज कर चुकी है।
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में जीत की हैट्रिक लगायी है तो यह कांग्रेस के लिए हार की हैट्रिक है। वहीं 22 साल से सत्ता से दूर रही बीजेपी के लिए यह हार का छक्का है।