महाराष्ट्र में NDA फेल, जनादेश का निकला तेल
बहुमत भी होता है बेकार जब हावी हो जाता है अहंकार
गठबंधन भी होता है व्यर्थ जब सर चढ़कर बोलता है स्वार्थ
सियासत की तराजू पर बंट सकते हैं मंत्रालय आधा-आधा
पर तराजू की मूठ तो होगा एक, फॉर्मूला है सीधा-साधा
बात समझ में नहीं आ रही है। जनादेश भी पार्टियां भूल जा रही हैं। एनडीए का कोई चेहरा न था चुनाव मैदान में, बीजेपी के थे देवेंद्र तो शिवसेना ने आदित्य को रखा था सामने। आधे-आधे पर हुई होगी बात, मगर मेठ कौन होगा- इस पर दोनों गये थे चुप्पी साध।
बाला साहब ठाकरे के बहाने बीजेपी दिला रही है 1995 वाला फॉर्मूला याद। जिसके ज्यादा होंगे विधायक उसका होगा सीएम। क्यों नहीं तय कर ली गयी थी चुनाव से पहले यही बात?
झुकने को बीजेपी नहीं है तैयार, शिवसेना को चाहिए अपने मुख्यमंत्री वाली सरकार। मगर कैसे? महत्वपूर्ण हो गये शरद पवार। राउत पहुंचे पवार के घर, पवार पहुंचे सोनिया गांधी के द्वार। नतीजा जानने को महाराष्ट्र ही नहीं, देश है बेकरार।
नतीजा निकलेगा कैसे? सबसे बड़ी पार्टी जो बीजेपी है। न्योता उसे ही मिलना है बनाने को सरकार। बहुमत न भी हो तो वह कर सकती है समय पार। 9 नवंबर से पहले जो नहीं बनी सरकार, तो राष्ट्रपति शासन के पूरे हैं आसार।
मामला उलझता देखकर सूत्रों के हवाले से आने लगी है ख़बर। सोनिया नहीं चाहतीं शिवेसना की बने सरकार। क्या शिवसेना-एनसीपी और बाहर से कांग्रेस के समर्थन की भी गुंजाइश खत्म? गुंजाइश तभी तो बनेगी जब हट जाएगी राष्ट्रपति शासन की तलवार। मगर, बीजेपी ऐसा क्यों होने दे। इसलिए फंस गयी है महाराष्ट्र में सरकार।
महाराष्ट्र विधानसभा
कुल सीट 288
मैजिक फिगर 145
BJP 105
Shivsena 56
NCP 54
CONG 44
IND 13
OTHERS 16
महाराष्ट्र का गणित तो देखिए। 288 सदस्यों का है सदन। 145 है मैजिक फिगर। बीजेपी के पास हैं 105 विधायक, शिवसेना के हैं 56. एनसीपी के पास 54 सीटें हैं तो कांग्रेस के पास हैं 44. निर्दलीय हैं 13 और अन्य हैं 16
महाराष्ट्र में नहीं बनती है एनडीए सरकार तो उसके लिए कौन होगा जिम्मेदार? विपक्ष? कतई नहीं। इसका जिम्मेदार खुद बीजेपी और शिवसेना होगी। अगर शिवसेना की नहीं बनती है सरकार, तो कौन होगा इसका जिम्मेदार? कांग्रेस? कतई नहीं। क्योंकि कांग्रेस शिवसेना को समर्थन दे, ऐसी कोई विवशता नहीं। मौके का फायदा शिवसेना के लिए क्यों उठाए कांग्रेस? एनसीपी भी शिवसेना से 50-50 फॉर्मूला दे रही है कांग्रेस के दम पर। मगर, कांग्रेस सिर्फ बीजेपी को हटाने के नाम पर क्यों दे वैकल्पिक सरकार को बाहर से समर्थन?