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योग में बंधा संसार

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योग भगाए रोग। योग बनाए निरोग। न खर्च, न साइड इफेक्ट। हर मायने में है परफेक्ट। तभी तो दुनिया ने इसे अपनाया है। मगर योग अपनाने का कारण यही नहीं है एकमात्र। आत्मा से परमात्मा को यह जोड़ता है एकसाथ। यह उपचार भी है, संस्कार भी है और इसलिए जीवन का व्यवहार भी है।

21 जून को योग दिवस का सिलसिला 2015 से शुरू हुआ। कह सकते हैं तब से भारत विश्वगुरु हुआ। चाहे जिस भाव से आप योग से जुड़ते हैं एक अभाव को दूर करते हैं। यही वजह है कि यूएन हो या अमेरिका या फिर ऑस्ट्रेलिया और यूरोप, सबने अपनाया है योग।

5वें योग दिवस के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखण्ड के रांची को चुना, तो बीजेपी के अमित शाह ने हरियाणा को। दिल्ली को बीजेपी के नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सम्भाला। इन प्रदेशों में विधानसभा चुनाव सर पर है। रांची में 25 से 40 हज़ार लोगों ने पीएम मोदी के साथ योग किया, तो हरियाणा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ भी हज़ारों लोग इस अवसर पर योग के लिए जुटे। पीएम ने इस साल नारा दिया है- हृदय के लिए योग।
-20 डिग्री तापमान पर योग
माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तापमान में योग करते आईटीबीपी के जवान दुनिया में उदाहरण बन गये जब लद्दाख में 18 हज़ार फीट की ऊंचाई पर वे योग करते हुए कैमरे में कैद हुए।
पहाड़ से समंदर तक योग
पहाड़ ही नहीं, समंदर पर भी योग का मंजर दिखा। आईएनएस सुमेधा और आईएनएस सिंधुध्वज पर योग का प्रदर्शन किया गया।
योग में डूबे नेता से अभिनेता तक
नेता से लेकर अभिनेता तक, आम आदमी हो या हो खास, हर कोई योग का करता दिखा अभ्यास। प्रेरणा देते, महत्व बताते और योग को अपनाने की सलाह देते हुए नज़र आईं ये तस्वीरें।
हिन्दू हो या मुसलमान सबमें है योग का सम्मान
हिन्दू हो या मुसलमान सबने योग का किया है सम्मान। 47 से ज्यादा इस्लामिक राष्ट्रों ने भी योग दिवस मनाया है। हर देश में योग का जलवा नज़र आया है।
योग से एकाग्र होता है मन। दिल और दिमाग के फैसले पकड़ में आने लगते हैं। एक तरफ ज़िन्दगी का शोर होता है तो दूसरी ओर शांति पुरजोर होती है। योग अशांत चित्त को शांति का मार्ग दिखाता है। स्वस्थ मन, स्वस्थ जीवन और स्वस्थ दर्शन कराता है। देश-विदेश, जल-थल-नभ और स्त्री-पुरुष सब रमें हैं योग में। यह नहीं है महज संयोग। एक समर्पण है, मकसद है, मकसद को पाने की कोशिश है। तो चलें, बढ़ते रहें उस मकसद की ओर।

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