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छठा चरण : UP में BJP को 14 में 0 (शून्य)?

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UP में चुनाव का छठा दौर। 14 सीटों पर है सबकी नज़र। BJP बचा पाएगी 13 सीटें?। ललकार रहा है महागठबंधन। फूलपुर की दिला रहा है याद। छठे दौर में कौन लगाएगा सिक्सर?

2014 और 2019 के बीच उत्तर प्रदेश की गंगा का पानी बदल चुका है। समाजवादी सरकार की जगह योगी सरकार आ चुकी है, मगर महागठबंधन भी यूपी की सियासत का नया पॉलिटिकल प्रॉडक्ट है। इसका निर्माण गोरखपुर, फूलपुर और कैराना की प्रयोगशालाओँ के निष्कर्ष से हुआ है। ये तीनों सीटें ऐसी थीं जहां बीजेपी को 2014 के आम चुनाव में 50 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे, मगर उपचुनावों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। इनमें से फूलपुर में चुनाव भी छठे चरण में हो रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में जिन 14 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं उनमें सिर्फ फूलपुर और प्रतापगढ़ ऐसी हैं जहां बीजेपी को 50 फीसदी से अधिक वोट मिले थे। बाकी सभी 12 सीटों पर अगर एसपी और बीएसपी के वोटों को जोड़ दिया जाए, तो वह बीजेपी को मिले कुल वोटों से अधिक होता है।

छठे दौर की 14 सीटें
श्रावस्ती, डुमरियागंज, सुल्तानपुर, लालगंज, आज़मगढ़, जौनपुर, मछलीशहर, बस्ती, भदोही, संतकबीर नगर, इलाहाबाद, अंबेडकर नगर, फूलपुर और प्रतापगढ़।

छठे दौर में जिन 14 सीटों पर मतदान होने हैं उनमें शामिल हैं श्रावस्ती, डुमरियागंज, सुल्तानपुर, लालगंज, आज़मगढ़, जौनपुर, मछलीशहर, बस्ती, भदोही, संतकबीर नगर, इलाहाबाद, अंबेडकर नगर, फूलपुर और प्रतापगढ़।

यहां SP-BSP के सम्मिलित वोट हैं BJP से 1 लाख ज्यादा
संतकबीरनगर, इलाहाबाद, अम्बेडकरनगर, लालगंज, आजमगढ़, बस्ती

छठे चरण में यूपी में कम से कम 6 सीटें ऐसी हैं जहां एसपी और बीएसपी को मिले वोटों को मिला दें तो उन्हें 2014 में बीजेपी के मुकाबले 1 लाख से अधिक वोट मिले थे। इनमें शामिल हैं- संतकबीरनगर, इलाहाबाद, अम्बेडकरनगर, लालगंज, आजमगढ़, बस्ती

संतकबीरनगर : 2014 में आमचुनाव
BJP को करीब साढ़े तीन लाख वोट
एसपी और बीएसपी को 5 लाख 90 हज़ार से अधिक वोट

संतकबीर नगर में बीजेपी को करीब साढ़े तीन लाख वोट मिले थे, जबकि एसपी और बीएसपी को 5 लाख 90 हज़ार से अधिक वोट मिले थे।

इलाहाबाद : 2014 में आमचुनाव
बीजेपी प्रत्याशी को 3 लाख 13 हज़ार वोट
एसपी और बीएसपी को 4 लाख 13 हज़ार वोट
इलाहाबाद में बीजेपी प्रत्याशी को 3 लाख 13 हज़ार वोट मिले थे। वहीं एसपी और बीएसपी को 4 लाख 13 हज़ार वोट हासिल हुए थे।

अम्बेडकरनगर : 2014 में आमचुनाव
अम्बेडकरनगर में बीजेपी को 4 लाख 32 हज़ार से ज्यादा वोट हासिल हुए थे जबकि SP-BSP को करीब सवा पांच लाख वोट हासिल हुए थे।

लालगंज : 2014 में आमचुनाव
लालगंज में बीजेपी प्रत्याशी को करीब सवा तीन लाख वोट मिले थे। यहां SP-BSP को 4 लाख 90 हज़ार से अधिक वोट मिले थे।

आजमगढ़ : 2014 में आम चुनाव
आजमगढ़ में एसपी से मुलायम सिंह यादव जीते थे। यहां एसपी और बीएसपी को मिले वोट जोड़ दें तो वह 6 लाख से ज्यादा हो जाती है जो बीजेपी को मिले पौने तीन लाख वोटों की तुलना में दुगुने से भी ज्यादा है।
बस्ती : 2014 में आम चुनाव
बस्ती में बीजेपी को 3 लाख 50 हज़ार से अधिक वोट हासिल हुए थे जबकि एसपी और बीएसपी को 6 लाख से ज्यादा वोट हासिल हुए थे।

वे सीटें जहां SP-BSP के वोटों का योग बीजेपी से है ज्यादा
श्रावस्ती, डुमरियागंज, सुल्तानपुर, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही।

2014 में जिन सीटों पर SP-BSP के वोटों को मिला देने पर बीजेपी से उनके वोट अधिक हो जाते हैं लेकिन अंतर एक लाख वोटों से कम का रहता है उनमें शामिल हैं- श्रावस्ती, डुमरियागंज, सुल्तानपुर, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही।

श्रावस्ती : 2014 में आम चुनाव
श्रावस्ती में बीजेपी को 3 लाख 45 हज़ार से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि एसपी और बीएसपी को 4 लाख 50 हज़ार से ज्यादा वोट।

डुमरियागंज : 2014 में आम चुनाव
डुमरियागंज में बीजेपी ने लगभग 3 लाख वोट हासिल किए थे। मगर, यहां एसपी और बीएसपी के वोटों का योग 3 लाख 70 हज़ार से ज्यादा होता है।

सुल्तानपुर : 2014 में आम चुनाव
सुल्तानपुर में बीजेपी प्रत्याशी फिरोज वरुण गांधी को 4 लाख से ज्यादा वोट मिले थे तो SP-BSP को मिला सम्मिलित वोट 4 लाख 50 हज़ार से अधिक था।

जौनपुर : 2014 में आम चुनाव
जौनपुर में बीजेपी को 3 लाख 70 हज़ार के करीब वोट मिले थे जबकि SP-BSP को संयुक्त रूप से 4 लाख से ज्यादा वोट हासिल हुए थे।

मछलीशहर : 2014 में आम चुनाव
मछलीशहर में बीजेपी को 4 लाख 38 हज़ार से ज्यादा वोट मिले थे। यहां SP-BSP को मिलाकर मिले वोटों की संख्या 4 लाख 60 हज़ार से अधिक रही थी।

भदोही : 2014 में आम चुनाव
भदोही में बीजेपी को 4 लाख से ज्यादा वोट मिले थे। यहां SP-BSP को 4 लाख 80 हज़ार से अधिक वोट हासिल हुए थे।

यूपी का छठा चरण इसी मायने में महत्वपूर्ण है। महागठबंधन के लिए अधिक से अधिक सीटों को झटकने का मौका है। उनके लिए फूलपुर, गोरखपुर और कैराना के उपचुनाव प्रेरणा हैं। वहीं, बीजेपी के लिए सावधान रहते हुए अपनी सीटों को बचाए रखने की चुनौती है। मगर, एक बात साफ है कि छठे चरण में जो छक्का या डबल छक्का मारेगा, सियासत के मैच का रुख भी उसी ओर मुड़ा नजर आएगा।

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