2019 का महामुकाबला : पहला चरण, 91 सीट, हवा किसके पक्ष में?
7 चरणों में चुनाव के बाद सत्ता के साथ किसके लगेंगे फेरे? किनके गले में मतदाता डालने जा रहे हैं वरमाला? किसके माथे पर सजेगा जीत का सेहरा? हर चरण के मतदान पर देश की नज़र है। पहले चरण में हैं 20 राज्य की 91 लोकसभा सीट। वहीं, ओडिशा, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के लिए भी मतदाता नयी विधानसभा चुनने जा रहा हैं। जिज्ञासा एक है..किसके पक्ष में है हवा…कई पूर्वानुमान आ चुके हैं। हर प्रदेश में, हर क्षेत्र में अलग-अलग सीटों पर अलग-अलग हैं रुझान। इनसे ही समझा जा सकता है किसके पक्ष में है हवा।
उत्तर प्रदेश में हवा का रुख : 8 सीटों पर मतदान
उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर हो रहा है मतदान। बीजेपी और महागठबंधन सभी 8 सीटों पर हैं मैदान में, तो कांग्रेस ने 6 सीटों पर खड़ा किए हैं उम्मीदवार। 2014 की बात करें तो ये सभी 8 सीटें हैं बीजेपी के पास, मगर 2019 में विपक्ष को इन सीटों पर बहुत है आस। पूर्वानुमान भी बता रहे हैं कि तस्वीर बदलने वाली है।
कहा जा रहा है कि मुजफ्फरनगर और बागपत में आरएलडी, तो कैराना में समाजवादी पार्टी और मेरठ में बीएसपी की स्थिति मजबूत है वहीं गाज़ियाबाद में बीजेपी का ज़ोर है। सहारनपुर और बिजनौर में बीएसपी की राह में कांग्रेस खड़ी दिख रही है। वहीं, गौतमबुद्घनगर में भी एंटी इनम्बेन्सी के बीच बीजेपी को बीएसपी से कांटे की टक्कर मिल रही है। इन स्थितियों में हवा का रुख भांपा जा सकता है।
बिहार में एनडीए और महागठबंधन में कड़ा मुकाबला
बिहार की 4 सीटों पर कड़ा मुकाबला है। औरंगाबाद, गया, नवादा और जुमई को नक्सलवाद से प्रभावित इलाका माना जाता है। औरंगाबाद में बीजेपी के सांसद सुशील कुमार सिंह को अपनी सीट बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है तो यहां महागठबंधन के उम्मीदवार उपेंद्र प्रसाद नयी कहानी लिखने को बेताब हैं। गया में हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को एनडीए उम्मीदवार विजय मांझी से मजबूत चुनौती मिल रही है। नवादा में एनडीए की लोकजनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार हैं बाहुबली सूरजभान के भाई चंदन कुमार तो उन्हें राष्ट्रीय जनता दल की विभादेवी दे रही हैं चुनौती, जो पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव की पत्नी हैं और महागठबंधन की उम्मीदवार। जमुई में एलजेपी के चिराग पासवान को अपनी सीट बचाने की लड़ाई लड़नी पड़ रही है। उन्हें महागठबंधन से भूदेव चौधरी कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
महाराष्ट्र में कांटे का संघर्ष
महाराष्ट्र में 7 सीट हैं। इनमें 6 सीटों पर बीजेपी-शिवसेना का कब्जा है। एक सीट भंडारा-गोंदिया में उपचुनाव हुआ था जिसमें एनसीपी ने जीत दर्ज की थी। भंडारा गोंदिया में एक बार फिर एनसीपी का बोलबाला है, मगर बीजेपी इस सीट को प्रतिष्ठा का विषय बनाकर दोबारा हासिल करने में जुटी है। वर्धा में बीजेपी सांसद रामदास तडस को सीट बचाने की चुनौती है जबकि कांग्रेस इस सीट पर झंडा लहराने को बेताब है। चंद्रपुर की सीट कभी कांग्रेस का गढ़ थी मगर पिछले तीन चुनावों में बीजेपी की जीत होती रही है। इस बार बीजेपी को सीट बचाने की चुनौती है। नागपुर आरएसएस का गढ़ है। यहां से नितिन गडकरी उम्मीदवार हैं। उन्हें बीजेपी में बगावत कर कांग्रेस में आए नाना पटोले चुनौती दे रहे हैं, मगर यह चुनौती आसान नहीं है। गढ़चिरौली में बीजेपी और कांग्रेस के बीच बीएसपी भी त्रिकोण बना रही है। मगर, बीजेपी को उम्मीद है कि वह अपनी यह सीट बचा ले जाएगी। यवतमाल और रामटेक में शिवसेना को अपनी सीट बचाने के लिए कांग्रेस से कड़ी टक्कर लेनी पड़ रही है। दोनों ही सीटों पर बीएसपी की भी मौजूदगी मुकाबले को रोचक बना रही है।
उत्तराखण्ड में हवा बीजेपी के पक्ष में
उत्तराखण्ड में हरिद्वार, नैनीताल-उधम सिंह नगर, अलमोड़ा, गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस में सीधा मुकाबला है। मगर, पूर्वानुमानों में माना जा रहा है कि बीजेपी की हवा है और कांग्रेस बमुश्किल एक सीट जीत सकती है। 2004 में उत्तराखण्ड की सभी पांच सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी।
कूच बिहार में टीएमसी ने फॉरवर्ड ब्लॉक के पूर्व नेता को और बीजेपी ने टीएमसी के पूर्व नेता को टिकट दिया है। ऐसे में टीएमसी, बीजेपी, फॉरवर्ड ब्लॉक और कांग्रेस उम्मीदवारों में चतुष्कोणीय मुकाबला है।
अलीपुर दुआर में तृणमूल का मुकाबला रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी से है जिनके ज्यादातर नेता 2014 में ही तृणमूल से जा मिले थे और तभी से टीएमसी का यहां बोलबाला है।
छत्तीसगढ़ में बस्तर की जंग : कांग्रेस-बीजेपी में कड़ी टक्कर
छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित सीट बस्तर में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला है। एंटी इनकम्बेन्सी से बचने के लिए बीजेपी ने यहां नया उम्मीदवार दिया है, लेकिन कांग्रेस बीजेपी को कड़ी चुनौती देती दिख रही है।
जम्मू-कश्मीर का दंगल : PDP-NC और BJP-CONG में सीधा मुकाबला
जम्मू-कश्मीर में बारामूला सीट पर पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेन्स की बीच सीधा मुकाबला है। माना जा रहा है कि कश्मीर घाटी में हवा नेशनल कॉन्फ्रेन्स के पक्ष में है।
वहीं, जम्मू में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला है। बीजेपी अपनी सीट बचाने के लिए मजबूती से लड़ाई के मैदान में है।
असम में पंजे से बचेगा कमल?
5 में 4 सीट हैं बीजेपी के पास
असम में 5 में से 4 सीटें अभी बीजेपी के पास है। पांचवीं सीट कलियाबोर में कांग्रेस का कब्जा है जहां एनडीए उम्मीदवार असम गण परिषद टक्कर में है। बाकी चार सीटों तेजपुर, जोरहाट, डिब्रूगढ़, लखीमपुर में बीजेपी अपनी सीट बचाने के लिए कांग्रेस से जबरदस्त टक्कर ले रही है।
ओडिशा में रोचक जंग : BJD-BJP में मुकाबला
ओडिशा में लोकसभा की 4 सीटों पर पहले चरण में बीजू जनता दल का मुकाबला कहीं बीजेपी से है, तो कहीं कांग्रेस से। कालाहांडी, नबरंगपुर, बरहमपुर और कोरापुट में त्रिकोणात्मक संघर्ष दिख रहा है।
आन्ध्र प्रदेश में हवा TDP के ख़िलाफ़
TDP-YSR CONG में है मुकाबला
आन्ध्र प्रदेश में तेलुगू देशम पार्टी की हालत पतली है तो वाईएसआर कांग्रेस के लिए हवा मजबूत। 2014 में मिली 15 सीटें बचाने में जुटी है टीडीपी, तो 8 सीटों वाली वाईएसआर कांग्रेस अपनी ताकत दुगुनी करने की उम्मीद कर रही है। कांग्रेस खाता खोलना चाहती है, तो बीजेपी अपनी 2 सीटें बचाने की जद्दोजहद कर रही है।
तेलंगाना में सभी 17 सीटों पर नज़र : TRS-YSR CONG में मुख्य मुकाबला
तेलंगाना की सभी 17 सीटों पर पहले चरण में वोट पड़ रहे हैं। मुख्य मुकाबला टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस में है। कांग्रेस और टीडीपी भी मैदान में जगह बनाने की कोशिश में है। इसी इलाके से बीजेपी के दिग्गज नेता बंगारू दत्तात्रेय कभी केंद्र सरकार में मंत्री बने थे पर आज बीजेपी यहां अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।
मेघालय-अरुणाचल में 2-2 सीटों पर वोट
मेघालय और अरुणाचल में दो-दो सीटों के लिए वोट पड़ रहे हैं जहां एनडीए और यूपीए के बीच क्षेत्रीय दलों को साथ लेकर एक-दूसरे को मात देने की होड़ है।
किधर है हवा का रुख? : ये 7 सीटें भी हैं अहम
पश्चिम त्रिपुरा, आउटर मणिपुर, लक्षद्वीप, अंडमान-निकोबार, सिक्किम, नगालैंड और मिजोरम में एक-एक सीट पर चुनाव हो रहे हैं। इन सभी सीटों पर एनडीए और यूपीए में मुकाबला है। त्रिपुरा में लेफ्ट भी चुनाव मैदान में है।
कुल मिलाकर पहले चरण में बीजेपी और एनडीए को असम, बिहार, यूपी, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में नुकसान होता दिख रहा है, वहीं कांग्रेस और यूपीए फायदे में दिख रही है। एसपी-बीएसपी, वाईएसआर कांग्रेस जैसी पार्टियां भी चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करती दिख रही है। कह सकते हैं कि चुनावी हवा का रुख एक चक्रवात पैदा कर रहा है। इस चक्रवाती मौसम में बीजेपी के लिए सत्ता की डोर को थामे रहना बड़ी चुनौती होगी।