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BJP के 2 झूठे दावे, 2 ‘सच्चे’ वादे

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बीजेपी का घोषणापत्र सामने आ चुका है। दावे भी हैं और वादे भी। वादे झूठे होंगे या सच, यह तो भविष्य में पता चलेगा, लेकिन दावे झूठे हैं या नहीं, इसका पता चलते देर नहीं लगती। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में दो दावे ऐसे किए हैं जो सफेद झूठ हैं। वहीं दो वादे ऐसे हैं जो झूठे नहीं होंगे। दो झूठे दावों और दो सच्चे वादों के बारे में आइए आपको बताते हैं।

BJP के घोषणापत्र में पहला झूठा दावा

मोदी सरकार में मिली 24 घंटे बिजली

हमने सभी देशवासियों को 24 घंटे बिजली देने का वादा किया था और यह प्रसन्नता की बात है कि देश ने यह लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।”

पृष्ठ 25, शीर्षक ऊर्जा, नंबर 31, पहली पंक्ति

देश में हर गांव में बिजली कनेक्शन का दावा मोदी सरकार करती है। इसे कोई चुनौती नहीं देता। सभी लोग मानते हैं। हालांकि इसकी भी सच्चाई ये है कि अगर

नरेंद्र मोदी की सरकार में 5 साल के दौरान 18 हज़ार गांवों का विद्युतीकरण हुआ, तो यूपीए के 10 साल के दौरान 1 लाख 7 हज़ार 600 से ज्यादा गांवों का विद्युतीकरण हुआ।  हर गांव में बिजली के कनेक्शन पहुंचाने के अभियान में योगदान किसका ज्यादा है इन तथ्यों से समझा जा सकता है। मगर, बीजेपी के घोषणापत्र में 24 घंटे बिजली देने का जो वादा पूरा होने का दावा किया गया है, वह या तो भूलवश हुई गलती है या फिर बहुत बड़ा झूठ। अगर यह गलती है तो तुरंत बीजेपी को इस बात के लिए माफी भी मांगनी चाहिए और घोषणापत्र से इस वाक्य को ख़त्म भी करना चाहिए। सवाल है कि क्या बीजेपी ऐसा करेगी?

BJP के घोषणापत्र में दूसरा झूठा दावा

NCR में प्रदूषण कम करने के ‘प्रभावी कदम’

“…राष्ट्रीय राजधानी समेत प्रमुख शहरों में प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाए गये हैं।”

  • पृष्ठ 30, शीर्षक वन एवं पर्यावरण, नंबर 20, दूसरी पंक्ति

प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए ‘प्रभावी कदम’ उठाने का यह दावा कितना झूठा है यह इस बात से पता चलता है कि मार्च 2019 में जकार्ता में जारी आईक्यू एयर विज़ुअल एंड ग्रीनपीस की रिपोर्ट में

दुनिया के दस प्रमुख प्रदूषित शहरों में 7 भारत से हैं और इनमें भी 5 दिल्ली एनसीआर से। इन शहरों में शामिल हैं राजधानी दिल्ली, गुरुग्राम, गाज़ियाबाद, फरीदाबाद और भिवाड़ी।

अब बात उन दो सच्चे वादों की भी करें, जो पूरे जरूर होंगे मगर इसके पूरे होने में मोदी सरकार या किसी सरकार की भूमिका की आवश्यकता नहीं होगी। ये वादे अधूरे रह सकते हैं मगर तब जब खुद सरकार इन वादों को पूरा करने की राह में रोड़ा बन जाए।

क्या हैं दो वादे जो होंगे सच्चे!

एक वादा है किसानों की आमदनी दुगुनी करना

दूसरा है देश को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना।

इनमें से एक वादा पुराना है। बीजेपी 2014 से ही कह रही है कि वह 2022 तक किसानों की आय दुगुनी कर देगी। अजी, कर क्या देगी। यह खुद ब खुद हो जाएगा। आप जरा भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार का गणित समझिए।

ऐसे होगी दुगुनी किसानों की आमदनी

10 साल में दुगुनी हो जाती है प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय बशर्ते

7.5 फीसदी के स्तर पर बनी रहती है विकास की रफ्तार

मोदी सरकार में 5 साल का औसत विकास दर है 7.3%

यूपीए सरकार में 10 साल का औसत विकास दर भी है 7.3%

किसी देश की प्रतिव्यक्ति राष्ट्रीय आय आम तौर पर 10 साल में दुगुनी हो जाती है अगर GDP में विकास की दर 7.5 फीसदी के स्तर पर बनी रहे। जबसे मोदी सरकार सत्ता में आयी है 5 साल का औसत विकास दर 7.3 है और यह वही विकास दर है जो यूपीए के 10 साल का औसत है।{gfx 6 out}

इसका मतलब ये है कि GDP विकास दर 7.5 फीसदी के करीब बनी हुई है। लिहाजा मोदी सरकार रहे या न रहे, कुछ करे या न करे, 2022 तक न सही, 2024 तक किसानों की आय दोगुनी जरूर हो जाएगी। क्योंकि तब 2014 के मुकाबले देश की प्रतिव्यक्ति औसत राष्ट्रीय आय भी दुगुनी हो चुकी होगी।

क्या हैं दो वादे जो होंगे सच्चे!

एक वादा है किसानों की आमदनी दुगुनी करना

दूसरा वादा है देश को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना

2025 तक 5 लाख करोड़ की होगी अर्थव्यवस्था

2032 तक 10 लाख करोड़ होगा GDP का आकार

इस वादे को पूरा करने में भी देश को किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। चाहे मोदी सरकार रहे या न रहे। सरकार बीजेपी की रहे या किसी और की, यह ऐसा वादा है जिसे पूरा करने के लिए कुछ कदम उठाने की जरूरत नहीं है। आप गौर करें।

करीब 8 साल में हो रही है अर्थव्यवस्था डबल

2009 में भारत की GDP थी 1323.14 अरब डॉलर

8 साल बाद 2017 में यह हो गयी 2600.82 अरब डॉलर

2009 में 1323.14 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था थी। इसे दुगुनी होने में 8 साल लगे। 2017 में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार हो गया 2600.82 अरब डॉलर यानी तकरीबन दुगुना।  इस हिसाब से अगर नरेंद्र मोदीजी भारतीय अर्थव्यवस्था में नोटबंदी जैसे अवरोधक पैदा कर भी दें तो GDP की रफ्तार इसी गति से बढ़ने पर

करीब 8 साल में हो रही है अर्थव्यवस्था डबल

2009 में भारत की GDP थी 1323.14 अरब डॉलर

8 साल बाद 2017 में यह हो गयी 2600.82 अरब डॉलर

2025 में 5200 अरब डॉलर की हो जाएगी भारत की GDP

2025 में यह स्वाभाविक रूप से 5200 अरब डॉलर की हो जाती है।

अब बीजेपी का वादा देखिए- यह 5 लाख करोड़ वाली अर्थव्यवस्था ही बनाने का वादा करती है। यानी GDP में सामान्य वृद्धि दर की भी यह उम्मीद नहीं दिखाती।

अगले 7 साल में यानी 2032 में 10 लाख करोड़ वाली अर्थव्यवस्था भी स्वाभाविक रूप से हो जाएगी क्योंकि तब GDP में वृद्धि दर इतनी तो अधिक होगी ही कि एक साल पहले लक्ष्य पूरा हो जाए। वैसे, अगर ऐसा नहीं भी होता है तो घोषणापत्र कौन सा आखिरी है। कहीं 5 साल बाद चुनाव का सिलसिला तो रुकने वाला नहीं है? सोचने की बात है!

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