चौथा चरण : बिहार में NDA को मिलेंगी 3 सीटें
बिहार में चौथे चरण में 5 सीटें। NDA को मिल सकती हैं 3-4 सीटें। उजियारपुर जीत सकते हैं कुशवाहा। बेगूसराय में कांटे की है टक्कर। चौथे चरण में NDA का पलड़ा भारी। बिहार में जिन 5 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान हुआ है उनमें एनडीए का पलड़ा भारी नज़र आ रहा है। कम से कम 3 सीटों पर एनडीए स्पष्ट रूप से जीत हासिल करता दिख रहा है, वहीं एक सीट पर महागठबंधन की जीत होती नज़र आ रही है। एक सीट बेगूसराय की ऐसी है जहां त्रिकोणात्मक संघर्ष है। यहां बीजेपी को 2014 में मिले वोट घटेंगे, यह बात तो दावे से कही जा सकती है लेकिन त्रिकोणात्मक संघर्ष का स्वरूप ही तय करेगा कि जीत किसे मिलने जा रही है।
क्या है डबल इंजन थ्योरी?
डबल इंजन थ्योरी के जरिए हम आपको 5 सीटों पर हुए मतदान के आधार पर बता रहे हैं कि किन-किन सीटों पर किसकी जीत या हार होने वाली है। यह थ्योरी बताती है कि {GFX 1 IN }डबल इंजन वाली सरकार में विगत चुनाव के मुकाबले अगर वोटिंग का प्रतिशत 1 फीसदी से अधिक बढ़ता है तो सत्ताधारी दल यानी BJP की जीत होती है। मगर, आधे प्रतिशत से कम वोटों की बढ़ोतरी होने पर या मतदान के प्रतिशत में फर्क नहीं आने पर या फिर मतदान का प्रतिशत गिर जाने की सूरत में सत्ताधारी दल की हार होती है। जब मतदान के प्रतिशत में आधे फीसदी से लेकर 1 फीसदी के बीच बढ़ोतरी हो, तो कांटे के संघर्ष में सत्ताधारी दल की जीत होती है। {GFX 1 OUT}
चौथा चरण : बिहार में एनडीए आगे (हेडर का VO हेडर लगाते समय एक बार चलाएंगे। ग्राफिक्स नीचे सीट वाइज चलाएंगे)
सीट 2014 2019 अंतर कौन जीतेगा?
समस्तीपुर 57 60.8 3.8 NDA
मुंगेर 53 55.38 2.38 NDA
दरभंगा 55 56.68 1.68 NDA
उजियारपुर 60 60.56 0.56 MAHA
बेगूसराय 61 61.27 0.27 CAN’T SAY
समस्तीपुर में एनडीए प्रत्याशी रामचंद्र पासवान अपनी सीट बचाते दिख रहे हैं। 29 अप्रैल को हुए मतदान में समस्तीपुर में सबसे ज्यादा मतदान का प्रतिशत बढ़ा है। यहां वोटों के प्रतिशत 3.8 फीसदी बढ़ा है। 2014 में 57 फीसदी मतदान हुआ था जो इस बार बढ़कर 60.8 फीसदी जा पहुंचा है। यहां एनडीए की जीत निश्चित है।
मुंगेर में भी एनडीए प्रत्याशी जेडीयू के ललन सिंह की जीत होती दिख रही है। मुंगेर में 2.38 फीसदी मतदान अधिक हुआ है। 2014 के आम चुनाव में जहां 53 फीसदी मतदान हुआ था वहीं 2019 में 55.38 फीसदी मतदान हुआ है। डबल इंजन थ्योरी इस सीट पर एनडीए की जीत पर मुहर लगा रही है।
दरभंगा में कांटे का मुकाबला माना जा रहा था मगर डबल इंजन की थ्योरी साफ तौर पर कह रही है कि यहां बीजेपी प्रत्याशी गोपालजी ठाकुर की जीत हो रही है और महागठबंधन प्रत्याशी अब्दुल बारी सिद्दीकी हार रहे हैं। वजह है मतदान के प्रतिशत में 1.68 फीसदी की बढ़ोतरी 2014 के चुनाव में दरभंगा में 55 फीसदी मतदान हुआ था। 2019 में यह बढ़कर 56.68 फीसदी हो गया है। यह बढ़ोतरी एनडीए के पक्ष में है।
उजियारपुर लोकसभा सीट पर कांटे के संघर्ष में बीजेपी के नित्यानन्द राय की हार हो सकती है। यहां से महागठबंधन प्रत्याशी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उपेन्द्र कुशवाहा के चुनाव जीतने के प्रबल आसार हैं। डबल इंजन थ्योरी के मुताबिक आधे प्रतिशत मतदान से अधिक मतदान में बढ़ोतरी होने पर सत्ताधारी दल को फायदा होता है। उजियारपुर की सीट बाउन्ड्री पर है। यहां 0.56 फीसदी वोटों का इज़ाफा हुआ है। 2014 में 60 फीसदी मतदान हुआ था और इस बार 60.56 फीसदी मतदान हुआ है। कांटे के संघर्ष में सम्भव है कि बीजेपी उजियारपुर में हार जाए।
बेगूसराय में 2014 में 61 फीसदी मतदान हुआ था। 2019 मे 61.27 फीसदी मतदान हुआ है। इस तरह 0.27 फीसदी वोटों की बढ़ोतरी हुई है। डबल इंजन की थ्योरी के मुताबिक बीजेपी को यहां 2014 के मुकाबले कम वोट मिलने जा रहे हैं। चूकि बेगूसराय में त्रिकोणात्मक संघर्ष है इसलिए यह जरूरी नहीं है कि इसका अर्थ बीजेपी की हार से लगाया जाए। इस सीट पर डबल इंजन थ्योरी के मुताबिक जीत-हार तय होती नहीं दिख रही है।
बिहार में चौथे चरण का मतदान BJP या एनडीए को सुकून पहुंचाने वाला है। मगर, ख़ास बात ये है कि इस चरण में एनडीए के तीनों प्रमुख दल बीजेपी, जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी अच्छा प्रदर्शन करती दिख रही है। अगर महागठबंधन और सीपीआई में एक प्रत्याशी बेगूसराय में होता तो यह सीट एनडीए से छिन सकता था। फिर भी इस सीट के बारे में दो टूक बात कह पाना मुश्किल है सिवा इसके कि यहां बीजेपी को 2014 के मुकाबले कम वोट मिलने वाला है।