दिल्ली का दंगल : कमल 5, पंजा-झाड़ू 1-1
दिल्ली के दंगल पर देश की नज़र है। यहां बीजेपी ने अपने 5 सांसदों को दोबारा चुनाव में टिकट दिया है तो दो नये चेहरे चुनाव मैदान में उतारे हैं। इनमें से एक हंसराज हंस का चेहरा है तो दूसरा मशहूर क्रिकेटर गौतम गम्भीर का। ये दोनों चेहरे बीजेपी को निराश नहीं करेंगे, लेकिन डॉ हर्षवर्धन और प्रवेश वर्मा को छोड़कर बाकी सांसदों की सीटें बचाने के लिए बीजेपी को मशक्कत करनी पड़ेगी। कांग्रेस ने अपने तमाम दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा है तो आम आदमी पार्टी ने भी नये चेहरों पर दांव लगाया है।
नई दिल्ली लोकसभा सी
देश की सबसे वीआईपी सीट कही जाती है नई दिल्ली। उम्मीदवार ही नहीं, वोटर भी यहां वीआईपी होते हैं। लुटियंस दिल्ली में रहने वाले लोग, केंद्र सरकार के अधिकारी-कर्मचारी इस सीट पर मतदान करते हैं।
नई दिल्ली लोकसभा सीट में पड़ने वाले इलाके हैं करोल बाग, पटेल नगर, मोती नगर, दिल्ली कैंट, राजेंद्र नगर, नई दिल्ली, कस्तूरबा नगर, मालवीय नगर, आरके पुरम और ग्रेटर कैलाश।
2014 में तेजतर्रार बीजेपी की नेता और वकील मीनाक्षी लेखी सांसद चुनी गयी थीं। इस बार उन्हें चुनौती दे रहे हैं कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय माकन और आम आदमी पार्टी उम्मीदवार ब्रजेश गोयल। विगत चुनाव में आम आदमी पार्टी दूसरे नम्बर पर जरूर रही थी, मगर इस बार मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही माना जा रहा है। आम आदमी पार्टी त्रिकोण बना रही है। विगत चुनाव में मिले वोटों पर नज़र डालें तो
नई दिल्ली : 2014 में पड़े वोट
BJP 4,53,350
AAP 2,90,642
CONG 1,82,893
जाहिर है कि AAP और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ती तो नज़ारा कुछ और होता। मगर, बीते 5 साल में राजनीतिक परिस्थिति बदली है। आम आदमी पार्टी जहां कमजोर हुई है, वहीं कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ा है। चूकि अजय माकन खुद उम्मीदवार हैं जो लम्बे समय से दिल्ली में कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं इसलिए वे गम्भीर प्रत्याशी हैं। आम आदमी पार्टी के ब्रजेश गोयल की व्यापारी वर्ग में पकड़ है। वहीं, बीजेपी की उम्मीदवार चर्चित चेहरा हैं। इस सीट पर बीजेपी की स्थिति मजबूत मानी जा रही है।
पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट
पूर्वी दिल्ली में बीजेपी ने अपने सांसद का टिकट काटकर मशहूर क्रिकेटर गौतम गम्भीर को उम्मीदवार बनाया है। युवाओँ में उनका क्रेज है। 2014 में पौने दो लाख के करीब वोटों से बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को हराया था। कांग्रेस तीसरे नम्बर पर रहते हुए 2 लाख वोट बटोर सकी थी। कांग्रेस ने संदीप दीक्षित की जगह पर इस बार अरविंदर सिंह लवली को उम्मीदवार बनाया है और आम आदमी पार्टी ने भी आतिशी मार्लेना को मौका दिया है।
पूर्वी दिल्ली में जो महत्वपूर्ण इलाके आते हैं उनमें शामिल हैं जंगपुरा, ओखला, त्रिलोकपुरी, कोंडली, पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, विश्वास नगर, कृष्णा नगर, गांधी नगर और शाहदरा जैसे इलाके आते हैं।
पूर्वी दिल्ली में मुख्य मुकाबला बीजेपी के गौतम गम्भीर और आम आदमी पार्टी की आतिशी मार्लेना में दिखता है। कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली लोकप्रिय उम्मीदवार जरूर हैं लेकिन वे मुकाबले को त्रिकोणात्मक बनाने की कोशिश करते ही दिख रहे हैं। गौतम गम्भीर और आतिशी के बीच चिट्ठी विवाद ने भी दोनों को मुख्य मुकाबले ला खड़ा किया है। चुनाव के मौके पर ऐसे विवादों की भूमिका भी यही होती है। वहीं, सैम पित्रोदा के बयान का नुकसान कांग्रेस उम्मीदवार अरविंदर सिंह लवली को होना भी तय है।
उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट
उत्तर पूर्वी दिल्ली में पूर्वांचल के वोट हमेशा से निर्णायक रहे हैं। यहीं बीजेपी के वर्तमान सांसद मनोज तिवारी को कांग्रेस की उम्मीदवार शीला दीक्षित से सीधी चुनौती मिल रही है। आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडे इन दो दिग्गज के बीच त्रिकोण बनाते दिख रहे हैं।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में जो इलाके आते हैं उनमें शामिल हैं बुरारी, तिमारपुर, सीमापुरी, रोहतास नगर, सीलमपुर, घोंडा, बाबरपुर, गोकलपुर, मुस्तफाबाद, करावल नगर।
2014 में मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी के नेता और दिग्गज शिक्षाविद् प्रोफेसर आनंद कुमार को हराया था। मनोज तिवारी को 5,96,125 वोट मिले थे तो आप नेता प्रो. कुमार को 4,52,041 वोट। 2009 में यहीं से कांग्रेस के सांसद रहे जेपी अग्रवाल 2 लाख 14 हज़ार 792 वोट बटोर पाए थे।
2019 में कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को चुनाव मैदान में उतारकर बड़ा दांव खेला है। पूर्वांचल के वोट बीजेपी और आम आदमी पार्टी में बंटने के पूरे आसार हैं। वहीं कांग्रेस अपने संगठन के दम पर इस वोट में अच्छी सेंधमारी करेगी। वैसे भी शीला दीक्षित का प्रभाव हर वर्ग में है। इसलिए इस सीट पर शीला दीक्षित की जीत के आसार बनते नज़र आ रहे हैं।
चांदनी चौक लोकसभा सीट
चांदनी चौक में बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकप्रिय नेता डॉ हर्षवर्धन को दोबारा चुनाव मैदान में उतारा है। विगत चुनाव में पत्रकार से नेता बने आशुतोष दूसरे नम्बर पर रहे थे और अब वे दोबारा पत्रकार बन चुके हैं। लिहाजा आम आदमी पार्टी ने पंकज गुप्ता को चुनाव मैदान में उतारा है। यहां कांग्रेस ने कपिल सिब्बल की जगह जेपी अग्रवाल पर दांव खेला है। कपिल विगत चुनाव में तीसरे नम्बर पर थे।
चांदनी चौक लोकसभा सीट
चांदनी चौक में जो इलाके आते हैं उनमें शामिल हैं आदर्श नगर, शालीमार बाग, शकूर बस्ती, त्रिनगर, वजीरपुर, मॉडल टाउन, सदर बाजार, चांदनी चौक, मटिया महल और बल्लीमारान।
हर्षवर्धन और जेपी अग्रवाल के बीच मुख्य मुकाबला तय माना जा रहा है। आम आदमी पार्टी त्रिकोण बनाती दिख रही है। निश्चित रूप से इस सीट पर बीजेपी का पलड़ा भारी है।
पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट
पश्चिम दिल्ली में सांसद प्रवेश वर्मा फिर से बीजेपी उम्मीदवार हैं। उनके मुकाबले कांग्रेस ने महाबल मिश्रा को और आम आदमी प्र्टी ने बलबीर जाखड़ को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट को बीजेपी के लिए एकतरफा माना जा रहा है। दूसरे नम्बर के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी संघर्ष करेंगी।
पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट
मादीपुर, राजौरी गार्डन, हरि नगर, तिलक नगर, जनकपुरी, विकासपुरी, उत्तम नगर, द्वारका, मटियाला और नजफगढ़
पश्चिम दिल्ली संसदीय क्षेत्र में पड़ने वाले क्षेत्रों में शामिल हैं मादीपुर, राजौरी गार्डन, हरि नगर, तिलक नगर, जनकपुरी, विकासपुरी, उत्तम नगर, द्वारका, मटियाला और नजफगढ़।
पश्चिम दिल्ली : 2014 में मिले वोट
BJP 6,51,395
AAP 3,82,809
CONG 1,93,266
विगत चुनाव में आम आदमी पार्टी के जरनैल सिंह को सिख वोट मिले थे, जो इस बार बंटेंगे। एकमुश्त जाट वोट प्रवेश वर्मा के साथ बना रहने वाला है। वहीं, महाबल मिश्रा पूर्वांचल के वोटरों में हिस्सेदारी करेंगे। मगर, समग्रता में बीजेपी उम्मीदवार सब पर भारी लगते हैं।
उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट
उत्तर पश्चिम दिल्ली में बीजेपी ने उदितराज का टिकट काटकर उनकी जगह हंसराज हंस को उम्मीदवार बनाया है। यह सीट भी बीजेपी के लिए बेहद सुरक्षित सीट मानी जा रही है। आम आदमी पार्टी की ओर से गगन सिंह रंगा बीजेपी को चुनौती देते दिख रहे हैं। इस सीट पर कांग्रेस की ओर से राजेश लिलोथिया त्रिकोण बनाते नज़र आ रहे हैं।
उत्तर पश्चिम दिल्ली
नरेला, बादली, रिठाला, बवाना, मुंडका, किरारी, सुल्तान पुर माजरा, मंगोल पुरी, रोहिणी, नागलोई और रोहिणी
उत्तर पश्चिम दिल्ली की सीट में जो इलाके आते हैं उनमें शामिल हैं नरेला, बादली, रिठाला, बवाना, मुंडका, किरारी, सुल्तान पुर माजरा, मंगोल पुरी, रोहिणी, नागलोई और रोहिणी।
उत्तर पश्चिम दिल्ली : 2014 में मिले वोट
BJP 6,29,860
AAP 5,23,058
CONG 1,57,468
बीजेपी को हंसराज हंस के स्टारडम पर भरोसा है और पार्टी उम्मीद कर रही है कि वह पंजाबी वोटों को आकर्षित करने में कामयाब रहेगी। वहीं, कांग्रेस और आप दोनों ही खुद को बीजेपी के टक्कर में मान रही है। दिल्ली की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए बीजेपी का पलड़ा इस सीट पर भारी नज़र आता है।
दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट
दक्षिणी दिल्ली में बीजेपी ने वर्तमान सांसद रमेश बिधूड़ी को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने मुक्केबाज विजेंदर सिंह को मौका दिया है जिनकी नज़र जाट वोटों पर हैं। आम आदमी पार्टी ने राघव चड्ढा को टिकट देकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है।
दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट
बिजवासन, पालम, महरौली, छतरपुर, देवली, अम्बेडकर नगर, संगम विहार, कालकाजी, तुगलकाबाद और बदरपुर
दक्षिण दिल्ली में जो इलाके आते हैं उनमें बिजवासन, पालम, महरौली, छतरपुर, देवली, अम्बेडकर नगर, संगम विहार, कालकाजी, तुगलकाबाद और बदरपुर शामिल हैं।
दक्षिण दिल्ली : 2014 में मिले वोट
BJP 4,97,980
AAP 3,90,980
CONG 1,25,213
2019 में यह समीकरण बदलता दिख रहा है। कांग्रेस के उम्मीदवार बिजेंद्र सिंह को मिल रहा जाट वोट निश्चित रूप से बीजेपी को कमजोर कर रहा है। अगर 1 लाख वोट भी ज्यादा कांग्रेस जुटा लेती है तो आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा के लिए शानदार मौका निकल आता है। इसलिए यह सीट आम आदमी पार्टी बीजेपी से छीन सकती है।
दिल्ली में कौन कहां से मारेगा बाजी?
BJP नयी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, चांदनी चौक, पश्चिम दिल्ली, उत्तर पश्चिम
CONG उत्तर पूर्वी दिल्ली,
AAP दक्षिण दिल्ली
अगर दिल्ली में 7 लोकसभा सीटों में सम्भावनाओं की बात की जाए तो बीजेपी के लिए नयी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, चांदनी चौक, पश्चिम दिल्ली, उत्तर पश्चिम में जीत के आसार नज़र आ रहे हैं तो कांग्रेस के लिए उत्तर पूर्वी दिल्ली में शीला दीक्षित परिणाम देती दिख रही हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी के लिए दक्षिण दिल्ली में राघव चड्ढा स्कोर करते दिख रहे हैं। {GFX OUT}
इस तरह 7 लोकसभा सीटों में से बीजेपी 2 सीटें खो सकती है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को एक-एक सीट मिलती दिख रही है। अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों मिलकर चुनाव लड़तीं तो सम्भव था कि उत्तर प्रदेश में एसपी-बीएसपी के गठबंधन के कारण जो परेशानी बीजेपी को झेलनी पड़ रही है उससे अधिक परेशानी दिल्ली में बीजेपी को झेलनी पड़ती।