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इज़राइल में मोदी-मोदी

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नरेंद्र मोदी और बेंजामिन नेतान्याहू….जब भी मिले दिल खोलकर मिले…हर बार नया पैगाम और नया मुकाम मिला…दो देशों के प्रमुखों की यह दोस्ती चुनावी दोस्ती में भी बदल गयी। जो तस्वीरें दोनों देशों के लिए अहम मौका थीं, वह वोटरों को लुभाने का लम्हा बन गईं।

नरेंद्र मोदी बीजेपी के लिए ही स्टार प्रचारक नहीं हैं, वे इज़राइल के नेतान्याहू के लिए भी चुनाव जिताऊ दिग्गज हैं। नरेंद्र मोदी की तस्वीर उन तस्वीरों में शामिल हैं जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन शामिल हैं और साथ में हैं इज़राइल के प्रधानमंत्री नेतान्याहू। दरअसल लिकुड़ पार्टी नेता नेतान्याहू दुनिया के इन कद्दावर नेताओं के साथ अपने संबंधों को वोट में बदलने की कवायद कर रहे हैं।

भारत में हुए आम चुनाव में बीजेपी ने इज़राइल के साथ मज़बूत संबंध, सैन्य उपकरण की खरीद और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने में इज़राइल से सहयोग को मुद्दा बनाया था। इज़राइल की पहचान मुस्लिम देशों के साथ संघर्ष का रहा है। इस वजह से भारतीय राजनीति में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं देने वाली बीजेपी ने इज़राइल से दोस्ती को अपने हिन्दुत्ववादी एजेंडे से जोड़ा था।

17 सितम्बर को है इज़राइल में चुनाव

17 सितम्बर को है नरेंद्र मोदी का जन्म दिन

यह महज संयोग ही है कि 17 सितम्बर को इज़राइल में चुनाव होने वाले हैं और इसी दिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन पड़ता है। बेंजामिन नेतान्याहू और नरेंद्र मोदी के बीच मजबूत वैयक्तिक संबंध हैं। जब नरेंद्र मोदी इज़राइल गये थे तब उनका अभूतपूर्व स्वागत हुआ था। मोदी की लोकप्रियता इज़राइल में इसलिए भी है क्योंकि उन्हें मुसलमानों से लड़ने वाले नेता के तौर पर इज़राइल में जाना जाता है। नेतान्याहू  इसी छवि का इस्तेमाल चुनाव में वोट हासिल करने में करते दिख रहे हैं।

इज़राइल के लिए लड़ जाते हैं ट्रम्प

इज़राइल के दुश्मन अमेरिका के दुश्मन

डोनाल्ड ट्रम्प अपने देश की अंदरूनी सियासत में इज़राइल के लिए लड़ जाते हैं। हाल में जिन डेमोक्रैट महिलाओं के खिलाफ नस्लीय टिप्पणियां की थीं उन्हें भी उन्होंने इज़राइल विरोधी बताया था। ट्रम्प ने साफ किया था कि इज़राइल के दुश्मन उनके भी दुश्मन हैं। मुसलमानों के प्रति ट्रम्प की खुली नफ़रत कोई छिपी हुई बात नहीं है। डोनाल्ड ट्रम्प की इस छवि का इस्तेमाल भी नेतान्याहू कर रहे हैं।

रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन की छवि वैसी नहीं है जैसी कि ट्रम्प और मोदी की है। फिर भी एक ताकतवर नेता के रूप में उनसे नजदीकी को नेतान्याहू चुनाव में भुना रहे हैं।

नेतान्याहू ने अप्रैल महीने में ही चुनाव जीता था, मगर वह चुनाव रद्द हो गया। वे भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में दोबारा चुनाव जीतना उनके लिए बड़ी चुनौती है। अब नेतान्याहू की योजना है कि वह एक दिन के लिए अगस्त महीने तक भारत आएं और नरेंद्र मोदी के साथ अपनी निकटता को चुनाव में भुनाएं। नेतान्याहू इज़राइल में सबसे लम्बे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले नेता हैं।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह बात जरूर मायने रखती है कि इज़राइल के चुनाव में वे चुनाव जिताऊ नेता होकर उभर रहे हैं। इज़राइल में मोदी-मोदी होना व्यक्तिगत रूप से नरेंद्र मोदी के लिए उपलब्धि तो है ही, उनकी राजनीति पर भी यह दुनिया स्तर पर लगने वाली मुहर है।

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