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बस 3 मिनट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डेढ़ घंटे का इंटरव्यू…

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के पहले इंटरव्यू में हर उन सवालों का जवाब दिया जो आम तौर पर पूछे जाने हैं। इसके लिए उन्होंने डेढ़ घंटे का समय लिया। हम आपको वही इंटरव्यू संक्षेप में प्रस्तुत कर रहे हैं जिसे पढ़ने में आपको लगेंगे महज तीन मिनट।

क्या ख़त्म हो गयी मोदी लहर?

जब लोग ये कहते हैं कि मोदी लहर नहीं बची, तो वो सबसे पहले ये स्वीकार करते हैं कि मोदी लहर नाम की कोई चीज है।

क्या 2019 का चुनाव मोदी बनाम राहुल होगा?

2019 का चुनाव जनता बनाम महागठबंधन होने जा रहा है।

क्यों ज़रूरी थी नोटबंदी?

नोटबंदी देश के स्वास्थ्य और स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी थी। समानांतर अर्थव्यवस्था देश को खोखला कर रही थी।

जीएसटी से अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ?

ट्रेन भी जब ट्रैक बदलती है तो वह धीमी हो जाती है। मनमोहन सिंह जब वित्तमंत्री थे। आर्थिक सुधार लागू हुए। तब विकास दर 2 फीसदी तक गिर गयी थी। अब हालात बेहतर होने लगे हैं। अर्थव्यवस्था भी ट्रैक पर लौट रही है।

तीन तलाक पर अध्यादेश, राम मंदिर पर क्यों नहीं?

तीन तलाक पर अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आया। राम मंदिर पर भी कानूनी प्रक्रिया पूरी हो जाने दीजिए। इस प्रक्रिया की समाप्ति के बाद सरकार के तौर पर जो भी जिम्मेदारी होगी, उसके लिए हम तैयार हैं।

तीन तलाक और सबरीमाला : बीजेपी का रुख अलग-अलग क्यों?

तीन तलाक धर्म से जुड़ा मुद्दा नहीं है। यह लैंगिक न्याय से जुड़ा है। कई इस्लामिक देशों ने इस पर प्रतिबंध लगा रखा है। सबरीमाला का मामला मंदिर से जुड़ा है। देश के बहुत से मंदिर हैं जहां पुरुषों के दाखिले पर भी प्रतिबंध है।

किसानों की कर्ज माफ़ी क्यों नहीं हो रही?

किसानों को कर्ज होता क्यों है? फसल ज्यादा हो रही है। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि किसानों को कर्ज ही न लेना पड़े। कर्ज माफी से किसानों का जीवन नहीं सुधरने वाला।

राफेल डील से जुड़े आरोपों पर चुप क्यों?

राफेल पर मेरे ऊपर व्यक्तिगत आरोप नहीं है। संसद में मैंने इस पर विस्तार से जवाब दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्णय सुना दिया है। वे सबूत तो दें।

सर्जिकल स्ट्राइक से राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश क्यों?

मैं खुद इसके राजनीतिकरण के पक्ष में नहीं हूं….लेकिन, कुछ लोगों ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने शुरू कर दिये। पाकिस्तान के लिए ऐसा करना जरूरी था, लेकिन उसी समय हमारे कुछ नेताओं ने भी ऐसा करना शुरू कर दिया। उसी समय सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिकरण शुरू हो गया था।

पाकिस्तान से बातचीत क्या शुरू करेगी सरकार?

भारत के किसी भी पीएम ने पाकिस्तान के साथ बातचीत का विरोध नहीं किया, ये हमारी पॉलिसी है। हमारा केवल इतना कहना है कि क्रॉस बॉर्डर टेरररिज्म के बीच बातचीत नहीं हो सकती।

चीन से नजदीकी के बावजूद क्यों मिला धोखा?

डोकलाम पर भारत का क्या रुख रहा वह आप देखिए। डोकलाम पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, जिसे धोखा कहा जा सके।

महागठबंधन पर क्या है पीएम की राय?

पांच साल में महागठबंधन ने देश के सामाजिक, आर्थिक विषय पर एकमत में कुछ नहीं कहा। वे भिन्न-भिन्न स्वर में कहते हैं। ये खुद को बचाने के लिए मैदान में सहारा ढूंढ रहे हैं।

एनडीए में क्यों है असंतोष?

हम कभी नहीं चाहेंगे कि हमारे साथी दल न बढ़ें। कांग्रेस यही चाहती है। हमारे साथ ऐसा नहीं है। हम सभी निर्णय मिलकर लेते हैं।

मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर आप चुप रहते हैं, क्यों?

लींचिंग की घटना शोभा नहीं देती। सभ्य समाज को शोभा नहीं देता। यह गलत और निंदनीय है, लेकिन मैं यह पूछना चाहता हूं कि क्या ऐसी घटनाएं इस सरकार में शुरू हुई हैं?

मध्यमवर्ग की परेशानी बढ़ी है। क्यों?

हमने मेडिकल कॉलेज में सीट बढ़ायी, उड़ान योजना लायी, यह सब मध्यमवर्ग के लिए है. स्टार्टअप योजना, मुद्रा योजना, सौभाग्य योजना, इनकम टैक्स में रियायत से लेकर बिजली के बिल में रियायत तक हमने मिडिल क्लास के लिए काफी काम किया है।

विधानसभा चुनावों में हार को कैसे देखते हैं?

छत्तीसगढ़ में साफ-साफ नतीजा आया, लेकिन दो राज्यों में हमें मिला-जुला परिणाम मिले। इन दोनों राज्यों में मिली हार पर हम चर्चा भी कर रहे हैं और रणनीति बना रहे हैं। पिछले दिनों हरियाणा में उप-चुनाव हुए। त्रिपुरा में भी उप-चुनाव हुए। दोनों राज्यों में भाजपा ने काफी अच्छा परिणाम पाया।

RBI गवर्नर उर्जित पटेल ने क्यों दिया इस्तीफा?

उन्होंने खुद निजी कारणों का हवाला देकर इस्तीफा पेश किया। वे मुझे इस्तीफा देने से पहले 4-5 महीने पहले ये बोल चुके थे। उन्होंने यह लिखित में भी दिया था। राजनीतिक दबाव का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने बतौर आरबीआई गर्वनर काफी अच्छा काम किया।

गांधी परिवार पर हमला

यह एक तथ्य है.. जिन्होंने 4 पीढ़ियों तक देश चलाया, जो जमानत पर बाहर हैं और वो भी वित्तीय अनियमितताओं के मामले में, यह एक बड़ी बात है।

भगोड़ों को भागना पड़ा

बड़े कारोबारियों को आखिर भागना क्यों पड़ा? अगर पहले जैसी सरकार होती, तो उन्हें भागना नहीं पड़ता। उन्हें भागना इसलिए पड़ा, क्योंकि उन्हें पता है कि देश में रहेंगे, तो कानूनों का पालन करना पड़ेगा। जो लोग इस सरकार के कार्यकाल में देश छोड़कर भागे हैं, उन्हें आज या कल वापस जरूर लाया जायेगा.

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