CBI से डर रही हैं या लड़ रही हैं ममता बनर्जी?
अभी कुछ घंटे ही बीते थे जब योगी आदित्यनाथ को पश्चिम बंगाल के बालुरघाट में रैली नहीं करने दिया गया था, उनके हेलीकॉप्टर को उतरने की इजाजत नहीं दी गयी थी। एक दिन पहले ही नरेंद्र मोदी ने कोलकाता रैली में पूछा था कि जब दीदी ने कुछ किया ही नहीं, तो वह सीबीआई से क्यों डर रही है। ये कहना मुश्किल है कि ममता बनर्जी सीबीआई से डर रही हैं या लड़ रही हैं।
ममता बनर्जी गुस्से में हैं। सीबीआई की ये मजाल! कैसे वह बगैर वॉरंट के कोलकाता पुलिस कमिश्नर के घर पर पहुंच सकती है? नरेंद्र मोदी-अमित शाह-अजित डोभाल ने इस सीबीआई को भेजा है। लोड़बो-कोरबो की दहाड़ लगाने वाली ममता ने तुरंत कोलकाता कमिश्नर राजीव कुमार के घर कूच कर दिया। ममता के पहुंचते-पहुंचते उनकी जांबाज पुलिस ने उल्टे सीबीआई अफसरों को ही गर्दनिया देकर हिरासत में ले लिया। ममता ने पहुंचते ही एलान कर दिया,
“पीएम मोदी देश की संस्थाओं को तहस-नहस कर रहे हैं। सीबीआई अधिकारी बिना किसी वारंट के कोलकाता पुलिस के प्रमुख के घर कैसे पहुंच सकते हैं। मुझे अपनी पुलिस बल पर गर्व है। कोलकाता पुलिस प्रमुख श्रेष्ठ लोगों में हैं। मोदी के नेतृत्व में संवैधानिक व्यवस्था चरमरा गयी है।”
उधर सीबीआई ने सफाई दी है कि नियमत: सीबीआई को किसी भी जगह जांच के लिए अलग लेने से वॉरंट लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने सेक्शन 165 के तहत ऑफ कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर का हवाला भी दिया है।
ममता धरने पर बैठ गयीं। वह लड़ने को बैठ गयीं। साथ में कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार भी। अब नज़ारा देखिए मुख्यमंत्री और कोलकाता कमिश्नर धरने पर। पूरे राज्य में टीएमसी कार्यकर्ता सड़क पर। कहीं ट्रेन रुकी, कहीं लगा जाम।
वहीं सीबीआई अलग-थलग। न राज्य का साथ, न केन्द्र का हाथ। सुप्रीम कोर्ट ही बचा सहारा। केंद्र सरकार चुप। ट्विटर और सोशल मीडिया पर शुरू हो गया युद्ध। टीवी चैनल भी बंट गये। कोई कह रहा है केंद्र की तानाशाही, कोई बता रहा है ममता दीदी को हिटलर।
भ्रष्टाचार पर ‘लड़ाई’
बीजेपी कह रही है भ्रष्टाचार का साथ दे रही है ममता सरकार। ममता का साथ देने वाले सभी भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। ममता कह रही हैं कि 19 जनवरी की रैली में नेताओं की एकजुटता के बाद बदला ले रही है मोदी सरकार। कभी अखिलेश के घर सीबीआई, तो कभी तेजस्वी या मायावती को धौंस। अब तो बंगाल की पुलिस का भी मनोबल तोड़ने पर आमादा है केंद्र सरकार। ममता कह रही हैं कि 5 साल पुराने चिटफंड घोटाले में चुनाव से ठीक पहले जांच की बात क्यों आ रही है सीबीआई को याद?
ममता को अरविन्द केजरीवाल का समर्थन है, चंद्रबाबू नायडू का भी समर्थन है। एमके स्टालिन, उमर अब्दुल्ला, तेजस्वी यादव, राहुल गांधी- ये सारे नेता ट्विटर पर ममता के साथ दिखे। राहुल ने देर रात ममता से फोन पर बात कर उन्हें समर्थन जताया। मामला मोदी बनाम ममता से आगे बढ़ता हुआ। मगर, गतिरोध थमेगा कैसे? सुप्रीम कोर्ट ही उम्मीद है। अदालत के निर्देश पर ही सीबीआई जांच कर रही है। ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की है या फिर सीबीआई ने केंद्र की कठपुतली बनकर सुप्रीम कोर्ट का भी मान गिराया है, इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट में ही होगा। फिलहाल ममता डर भी रही हैं, लड़ भी रही हैं। यही है कोलकाता में घमासान का सार।