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छत्तीसगढ़ Election Result : चमत्कार के पीछे राहुल-जोगी

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छत्तीसगढ़ में दो मंत्र पढ़े  गये या फिर कहें कि दो अनुष्ठान हुए। एक मंत्र राहुल गांधी ने दिया- किसानों की कर्ज माफी का या यों कहें कि राहुल के नेतृत्व में अनुष्ठान हुआ। दूसरा मंत्र अजित जोगी का रहा- किंगमेकर बनने का। या फिर यों कहें कि इसके लिए जो अनुष्ठान उन्होंने किए, वह रमन सिंह को मूर्छित कर गया और कांग्रेस के लिए जीवनदायिनी चमत्कार।

अब तो बात समझ में आ रही होगी कि छत्तीसगढ़ में क्यों हुई बीजेपी की हार? क्यों हार गये चाऊर वाले बाबा? अगर नहीं समझ में आयी तो ज़रा कीजिए इंतज़ार।

काम कर गया राहुल का मंत्र

छत्तीसगढ़ में राहुल गांधी का मंत्र काम कर गया। ये मंत्र था कर्जमाफी का। राहुल ने कहा था कि सत्ता मिलते ही वह किसानों के सारे कर्जे माफ कर देंगे। किसानों ने अपनी फसल को बेचना भी इसलिए स्थगित रखा क्योंकि जब कर्ज माफ होने ही हैं तो कर्ज चुकाने की क्या चिंता।

कांग्रेस की स्थिति में मामूली सुधार

किसानों के आकर्षण को हम अगर कांग्रेस के वोट में बढ़ोतरी के रूप में लें तो कांग्रेस की स्थिति में बहुत अधिक सुधार नहीं हुआ है।

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव

वर्ष                कांग्रेस

2013              41.3%

2018              43.6%

बढ़त               2.3%

2013 में उसे 41.3 फीसदी वोट मिले थे, 2018 में बढ़कर यह वोट 43.6 फीसदी हो गया। यानी कांग्रेस को महज 2.3 फीसदी वोट पहले से अधिक मिले।

कांग्रेस के लिए चमत्कार कर बैठे जोगी

कांग्रेस के लिए चमत्कार कर दिखाया अजित जोगी ने। जो अजित जोगी समझ रहे थे कि वे किंगमेकर हो जाएंगे, वही अजित जोगी बीजेपी के लिए करारी हार और कांग्रेस के लिए जीत का सबब बन बैठे।

बीजेपी को अजित जोगी ने तगड़ी चोट

  • अजित जोगी की पार्टी को मिले 8.6% वोट
  • BJP के वोट शेयर में गिरावट 7.9%

अजित जोगी की पार्टी को 8.6 फीसदी वोट मिले। आश्चर्य है कि बीजेपी के लिए वोटों में गिरावट भी इसी के करीब है यानी 7.9 फीसदी।

कांग्रेस के लिए अकेले लड़ने का फैसला सही साबित

कांग्रेस ने बीएसपी और अजित जोगी से चुनावी गठबंधन नहीं किया, तो वह फैसला सही साबित हुआ। दरअसल एससी-एसटी की ज्यादातर सीटों पर बीजेपी का कब्जा था। इसलिए बीएसपी और जोगी के हाथ मिला लेने से सबसे ज्यादा नुकसान बीजेपी को ही होना था, ऐसा कांग्रेस मान कर चल रही थी। कांग्रेस की सोच सही साबित हुई।

कांग्रेस को 11.5 फीसदी वोटों की बढ़त

वर्ष          वोट फीसदी में अंतर     सीट में अंतर

2013                      0.7                     10

2018                     11.5                    46

जिस छत्तीसगढ़ में 2013 में महज 0.7 फीसदी के अंतर से बीजेपी-कांग्रेस में 10 सीटों का फर्क था, बीजेपी को 49 और कांग्रेस को 39 सीटें मिली थीं, उसी छत्तीसगढ में 2018 में बीजेपी-कांग्रेस के बीच वोटों का फासला हो गया 11.5 फीसदी। जाहिर है सीटों का अंतर भी बहुत बढ़ गया।

2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा

कुल सीट                              90

रुझान/नतीजे                        83

CONG                                 60

BJP                                       14

JCCJ                                     05

BSP                                      03

GGP                                     01

कांग्रेस की टैली 60 पहुंच गयी, तो बीजेपी 14 सीटों पर आ सिमटी। 46 सीटों का विशाल फर्क हो गया और बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा। यह आंकड़ा और भी अपडेट होना है। अब तक 83 सीटों के रुझान व परिणाम सामने आये हैं। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दर्ज आंकड़ों के हिसाब से यह वर्तमान स्थिति है।

अब समझ में आया रमन सिंह की हार का चक्कर। राहुल ही नहीं अजित जोगी ने भी कांग्रेस के लिए कर दिखाया है चमत्कार। ये दोनों ही नेता हैं कांग्रेस के तारणहार।

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