Mon. Dec 23rd, 2024

दिल्ली में सबसे आगे AAP

Featured Video Play Icon

मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली का चुनाव तय करेगा कि वह दिल्ली का बेटा हैं या आतंकवादी?

बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा ने कहा है कि दिल्ली में सरकार बनते ही वह घंटे भर में शाहीन बाग खाली करा देंगे

बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने गद्दारों को गोली मारने जैसे नारे अपने सामने खड़ी भीड़ से लगवाए

कपिल मिश्रा ने 8 फरवरी को हिन्दुस्तान बनाम पाकिस्तान की लड़ाई करार दिया

कांग्रेस के नेता शीला वाली दिल्ली लाने के भरोसे मैदान में हैं

दिल्ली चुनाव की सरगर्मी नेताओं के बयान बता रहे हैं। दिल्ली में सिर्फ अरविन्द केजरीवाल ही मुख्यमंत्री का चेहरा हैं। न बीजेपी और न ही कांग्रेस ने कोई मुख्यमंत्री का दावेदार चुनाव मैदान में पेश किया है। जब बीजेपी ने कोई चेहरा सामने नहीं किया, तो माना यह गया कि मोदी के चेहरे पर वोट मांगेगी बीजेपी। मगर चौंकाने वाली बात ये है कि चुनाव प्रचार में बीजेपी ने नरेंद्र मोदी का चेहरा भी सामने नहीं रखा है। पोस्टरों-बैनरों में मोदी की जगह अमित शाह के चेहरे ज्यादा हैं। स्टार प्रचारक के तौर पर भी अमित शाह ही पेश किए जा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक इसे बीजेपी में विश्वास की कमी के तौर पर देख रहे हैं। इस बात के पूरे आसार हैं कि बीजेपी चुनाव हार जाएगी और तब ठीकरा नरेंद्र मोदी पर न फूटे, इसलिए मोदी को भी पीछे कर दिया गया है।

आम आदमी पार्टी के अरविन्द केजरीवाल शाहीन बाग आंदोलन पर चुप हैं। इस चुप्पी को तोड़ने के लिए पूरी बीजेपी और गोदी मीडिया लगी हुई है। उनकी कोशिश है कि किसी तरह केजरीवाल शाहीन बाग आंदोलन के समर्थन में बोलें और बीजेपी हिन्दू-बनाम मुस्लिम के आधार पर इस चुनाव में आगे बढ़े। मगर, आम आदमी पार्टी ने अब तक बीजेपी को यह मौका नहीं दिया है। इस बीच शाहीन बाग को लेकर हर दिन ख़बरें सुर्खियां बनी हैं। कभी पैसे लेकर महिलाओं के धरने पर बैठने की बात, कभी शरजिल का वीडियो तो कभी आफ्रीन का वीडियो, कभी देश के नामचीन संपादकों का प्रदर्शनकारियों से भिड़ना, तो कभी कथित हिन्दूवादी गोपाल का प्रदर्शनकारियों पर कट्टा चलाना और पुलिस का मूकदर्शक रहना…कोई दिन ऐसा नहीं होता जब शाहीन बाग पर चर्चा नहीं होती।

आम आदमी पार्टी शाहीन बाग आंदोलन के मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह से बात करने की सलाह देती है। पार्टी के नेता मनीष सिसौदिया कहते हैं कि गृहमंत्री कानून व्यवस्था को देखें। उनसे व्यवस्था सम्भल नहीं रही है। आम आदमी पार्टी शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ-साथ मुफ्त पानी, मुफ्त बिजली, मुफ्त वाई-फाई, महिलाओं को मुफ्त यात्रा जैसे मुद्दे लेकर चुनाव मैदान में है। इन मुद्दों का तोड़ बीजेपी के पास नहीं है।

निस्संदेह कांग्रेस के लिए मुश्किल घड़ी है। मगर, कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है। कांग्रेस ने अब तक किसी और पार्टी के मुकाबले अधिक मुखर होकर शाहीन बाग आंदोलन का समर्थन किया है। कांग्रेस को अलका लाम्बा, मुकेश शर्मा जैसे नेताओं के भी जीतने की उम्मीद है। वह शीला दीक्षित के कार्यकाल में हुए विकास के आधार पर ही वोट मांग रही है। कांग्रेस का दावा है कि अगली सरकार उसके बगैर नहीं बनेगी। मगर, इस दावे का कोई बड़ा आधार नज़र नहीं आता।

अगर नीति, रणनीति और नारों के आधार पर देखें तो मुख्य मुकाबला आप और बीजेपी के बीच है जिसमें आम आदमी पार्टी का पलड़ा जबरदस्त तरीके से भारी है। बीजेपी की उम्मीद है कांग्रेस। कांग्रेस मजबूत होगी, तो मुकाबला तिकोना होगा। जब मुकाबला तिकोना होगा, तभी बीजेपी आम आदमी पार्टी को हरा सकेगी। यही वजह है बीजेपी ने कांग्रेस पर प्रहार करना लगातार जारी रखा है। शाहीन बाग मसले को जोर-शोर से उठाने के पीछे भी उसका मकसद कांग्रेस को चुनाव मैदान में खींच कर लाना है। इसका फायदा निश्चित रूप से कांग्रेस को हुआ है। फिर भी, आम आदमी पार्टी चुनाव मैदान में सबसे आगे है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *