Wed. May 1st, 2024

किसकी होगी दिल्ली?

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दिल्ली में चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है..गद्दारों को गोली मारने से लेकर लाठी से प्रधानमंत्री की पिटाई होने तक का शोर थम चुका है…1 करोड़ 47 लाख मतदाता अब वोट डालने के वक्त का इंतजार कर रहे हैं। 6 फरवरी की सुबह 8 बजे से मतदान शुरू हो जाएगा। वोटों की गिनती 11 तारीख को होगी और उसी दिन चुनाव नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे।

चुनाव प्रचार के आखिरी दिन अमित शाह, नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव सरीखे नेताओं ने अपनी पूरी ताकत लगा दी। जनसभाएं, रोड शो, जुलूस, प्रदर्शन, नारेबाजी, नुक्कड़ सभा हर तरह के चुनावी रंग देखने को मिले। टीवी चैनलों पर भी इसका असर साफ-साफ नज़र आया। बीजेपी ने अपने सभी सांसदों, मंत्रियों को राजधानी दिल्ली में झोंक दिया था। यह चुनाव बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच जोर आजमाइश की जंग माना जा रहा है।

मतदान को हिन्दू-मुसलमान या भारत-पाकिस्तान बनाने की कोशिश भी दिखी, तो मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को आतंकी भी करार दिया गया…कांग्रेस की ओर से चुनाव प्रचार के आखिरी समय में राहुल-प्रियंका की एन्ट्री हुई, तो अमित शाह ने विधानसभावार खूब मेहनत की। वहीं आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर वोट मांगने में जुटे रहे। निर्दलीयों ने भी कोई कसर बाकी नहीं रखी।

मतदान के आखिर 48 घंटों में चुनाव प्रचार नहीं हुआ करते…मगर राजनीतिक दल इस दौरान भी ऐसा जरूर कुछ न कुछ करते या बोलते हैं जिससे मतदाताओं को प्रभावित किया जा सके। इसलिए ऐसी तस्वीरें देखने को मिल सकती हैं।

मतदाता जिन आधारों पर वोट करेंगे, अगर उन्हें चुनाव प्रचार के हिसाब से तय करने की कोशिश करें तो वे होंगे

किन आधारों पर वोट करेंगे मतदाता?

  • कैसे बीते पांच साल…क्या एक बार फिर अरविन्द केजरीवाल?
  • शाहीनबाग, CAA, NRC, NPR…सही हैं या गलत?
  • शीला दीक्षित के कार्यकाल को याद कर क्या कांग्रेस को वोट करें?

वोट का आधार दिल्ली का मुद्दा हो या राष्ट्रीय मुद्दे- चुनाव नतीजे भी इन्हीं आधार पर आएंगे, यह तय है। अगर स्थानीय मुद्दों के आधार पर वोट होते हैं तो आम आदमी पार्टी निश्चित रूप से बढ़त लेगी, इसके पूरे आसार हैं। वहीं, अगर राष्ट्रीय मुद्दों के आधार पर मतदाता  वोट करते हैं तो फायदा बीजेपी को होगा। कांग्रेस के लिए स्थिति यह है कि वोट चाहे जिस आधार पर हो, वह निश्चित पॉकेट्स में ही अपना प्रदर्शन दिखला पाएगी।

ABP-C VOTER का चुनाव पूर्व सर्वे

दिल्ली विधानसभा चुनाव

कुल सीट       70

AAP-             42-56

BJP                10-24

कांग्रेस           0-4

एबीपी न्यूज़-सी वोटर का ताजा सर्वे बताता है कि आम आदमी पार्टी 42 से लेकर 56 सीटें जीत सकती हैं जबकि बीजेपी को 10 लेकेर 24 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, कांग्रेस के खाते में शून्य से लेकर 4 सीटें आ सकती हैं।

TIMES NOW-IPSOS का चुनाव पूर्व सर्वे

दिल्ली विधानसभा चुनाव

कुल सीट       70

AAP-             54-60

BJP                10-14

कांग्रेस           0-2

वहीं टाइम्स नाऊ-आईपीएसओएस का चुनाव पूर्व सर्वे के अनुसार आप को 54 से 60 सीटें और बीजेपी 10 से 14 सीटें मिल सकती हैं जबकि कांग्रेस को 0 से 2 सीटों पर संतोष करना  पड़ सकता है।

बीजेपी का चुनाव पूर्व आंतरिक सर्वे

दिल्ली विधानसभा चुनाव

कुल सीट       70

AAP       22-24

BJP         38-40

CONG   08-09

बीजेपी के आंतरिक सर्वे में आम आदमी पार्टी को 22 से 24 सीटें मिलती दिखायी जा रही हैं तो बीजेपी को 38-40 सीटें यानी बहुमत मिलता दिख रहा है। वहीं कांग्रेस की स्थिति भी काफी बेहतर बतायी जा रही है। उसे 8 से 9 सीटें तक मिलती दिख रही हैं।

जितने सर्वे, उतनी राय….मतलब ये कि सर्वे पर भरोसा करना मुश्किल है। सर्वे 2015 में भी सही नहीं हुए थे जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटें जीत ली थीं…और सर्वे 2019 के लोकसभा चुनाव में भी गलत साबित हुए थे जब आम आदमी पार्टी तीसरे नम्बर की पार्टी बनकर उभरी थी।

ऐसे में साफ है कि मतदाताओं के मन को पढ़ने की मशीनें अभी तक नहीं बन पायी है…जब वोट गिने जाएंगे, तभी पता चल सकेगा कि दिल्ली किसकी होगी? फिर भी बीजेपी के आंतरिक सर्वे को छोड़कर सभी सर्वे में एक बात साफ दिख रही है कि आम आदमी पार्टी की सीटें घट सकती हैं लेकिन सबसे अधिक सीटें लेकर वही चुनावी जंग में आगे है।

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