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होली : ख़ून से नहीं प्यार से

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होली हम खेलें कि जलती रहे होलिका

ना खेलें कि बचा न सके कलियुग में प्रह्लाद

दिल्ली में दंगाईयों ने खेल ली ख़ून की होली

जल मरी इंसानियत, जल गयी भाईचारे की होली

दिल्ली दंगे में 50 से ज्यादा लोग मारे गये…इंस्पेक्टर रतन लाल, आईबी अफसर अंकित शर्मा लौट नहीं पाएंगे…न ही फैजान की लौट सकेगी जान…जो जिन्दा हैं मुश्किलों से लड़ते हुए, उनकी जिन्दगी में भी दिख रहा है सिर्फ नुकसान ही नुकसान…जिन्होंने अपनों को खोया वे कैसे मुस्कुराएंगे…कैसे होली मनाएंगे….

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई लोगों ने देशभर में होली नहीं मनाने का फैसला किया है। बात दिल्ली की ही नहीं है, बात है दिल की…दुखते दिल कैसे मना सकेंगे होली…

मौत तो दुर्घटना में भी होती है देश में हर घंटे सड़क पर 17…मगर वह मौत भाईचारे की हत्या नहीं होती…उसमें अफसोस होता है, वह अनहोनी होती है….

लेकिन दंगा…जिसमें इंसान ही इंसान के ख़ून का प्यासा हो जाता है…भाईचारगी हवा हो जाती है…रह जाती है सिर्फ नफ़रत…क्या ऐसी नफ़रत के बीच कोई प्रह्लाद खुश हो सकता है?

होली एक भक्त के मौत के मुंह से निकल आने का त्योहार नहीं है, होली सिर्फ होलिका की मौत का जश्न नहीं है…

होली है हिरण्यकश्यपु जैसे दानवों के राज के अंत का अवसर…होली है भगवान विष्णु के हाथों दानव मुक्त समाज बनने का अवसर…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी होली नहीं मनाएंगे। देश में कोरोना वायरस का ख़तरा है। होली खेलने से यह संक्रमण फैल सकता है। पूरी आबादी को अपनी चपेट में ले सकता है। इसलिए होली नहीं मनाने का अहतियात जरूरी है।

मगर, रंग-गुलाल खेलना ही होली होती है क्या? होली का जश्न अच्छा भोजना, मिल बांटकर भोजन, नये-नये कपड़े, एक-दूसरे को गिफ्ट देते हुए, एक-दूसरे से मिलते-जुलते हुए भी हो सकता है। यह भी तो होली मनाना है। कोरोना वायरस हमारे दिलों को एक-दूसरे से जुदा नहीं कर सकता।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस का जो संकट बताया है वह होली को अलग तरीके से मनाने की जरूरत पैदा करता है…परंपरा तोड़ने या बदलने की आवश्यकता बताता है…होली नहीं मनाना उनका फैसला है..मगर रंग-गुलाल से दूर रहकर भी हम होली मना सकते हैं क्योंकि कोरोना वायरस नफ़रत नहीं फैलाता।

कोरोना वायरस संकट में जनता को एकजुट करता है…लेकिन दिल्ली जैसा दंगा एकजुट समाज में नफ़रत का खूनी रंग घोलता है…

होली से दूर रहने की वजह दोनों है…एक रंग-अबीर से दूर करता है तो दूसरा होली के उत्सव को ही समाप्त कर देता है। इसलिए इस बार होली का संदेश यही है…कोरोना से लड़ो, एक हो….दंगों से लड़ो, नफ़रत ना करो, एक हो।

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