Wed. May 15th, 2024

SCO में भारत-पाकिस्तान : न हाथ मिले न दिल

Featured Video Play Icon

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किर्गिस्तान के बिश्केक में हुए शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शरीक हुए। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षी बैठकें हुईं। मगर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और नरेद्र मोदी के बीच न मुलाकात हुई, न बात हुई और न ही दोनों नेताओं के बीच हाथ मिलाने जैसा कोई अवसर बना। चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन रहा।

पहली बार जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, तो उन्होंने सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों को बुलाया था और इस लिहाज से पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की मौजूदगी को सुनिश्चित किया था। उसके बाद डेढ़ साल के भीतर नरेंद्र मोदी और नवाज़ शरीफ़ के बीच पांच मुलाकातें हुई थीं

डेढ़ साल में मिले थे 5 बार नरेंद्र-नवाज़
पहली बार शपथग्रहण में दिल्ली बुलाकर मिले
दूसरी बार काठमांडु में सार्क सम्मेलन में
तीसरी बार रूस के ऊफा में एससीओ सम्मेलन के दौरान मुलाकात हुई
चौथी बार पेरिस में हुए जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में मिले
पांचवीं बार अफगानिस्तान से लौटते हुए नवाज़ शरीफ़ के घर शादी समारोह में जा पहुंचे थे नरेंद्र मोदी।

2014 और 2019 में फर्क
2014 और 2019 में सबसे बड़ा फर्क है कि तब नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ़ चुनाव में जीत हासिल की थी और अब उन्होंने राष्ट्रवाद, हिन्दुत्व और पाकिस्तान विरोध के नाम पर चुनाव जीता है। यह असर शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन में भी साफ नज़र आया।
मोदी के लिए ना’पाक’ हवाई मार्ग
SCO सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए हवाई मार्ग खोलने की मांग भारत ने पाकिस्तान से जरूर की थी, लेकिन मांग पूरी होने के बावजूद भारत सरकार ने ओमान के रास्ते किर्गिस्तान पहुंचना अधिक जरूरी समझा। हालांकि यह बात समझ में नहीं आयी कि अगर पाकिस्तान की हवा का इस्तेमाल नहीं करना था, तो आग्रह ही क्यों किया गया।

इमरान ने मोदी को लिखी चिट्ठी
इमरान ख़ान ने नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद से दो बार पत्र लिखकर दोनों देशों के बीच वार्ता शुरू करने की पहल की, मगर भारत ने इस आग्रह को नजरअंदाज कर दिया। SCO की बैठक में भारत ने आतंकवाद का मुद्दा चीन और रूस दोनों के सामने रखा है। अजहर मसूद को लेकर भी भारत ने अपनी चिंता से चीन को अवगत कराया है। भारत ने यह भी साफ किया है कि आतंकवाद को लेकर जिस कदम की अपेक्षा पाकिस्तान से है वह पूरा नहीं हुआ है।

SCO में भारत-पाक संवाद नहीं
एक तरह से SCO सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान के बीच सीधा संवाद नहीं हुआ है फिर भी सम्मेलन में दोनों देशों की मौजूदगी हर किसी ने महसूस की है। रूस, चीन जैसे देशों की मौजूदगी में भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत नहीं होना भी महत्वपूर्ण है। आतंकवाद को लेकर भारत के सख्त रुख पर इन देशों की एक तरह से सहमति या तटस्थता भी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *