कर्नाटक से बड़ा नाटक गोवा में
कर्नाटक से बड़ा नाटक गोवा में
- कर्नाटक से बड़ा नाटक गोवा में
- जो सरकार में थे, विरोधी हो गये
- जो विरोध में थे, सरकार में आ गये
- डिप्टी सीएम सरकार से हो गये बाहर
- डिप्टी स्पीकर बन गये डिप्टी सीएम
- GFP ने गोवा सरकार से समर्थन वापस लिया
- गोवा की राजनीति में बीजेपी विनर बनकर उभरी है। प्रमोद सावंत की सरकार मज़बूत होती दिख रही है, जबकि कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार दबाव में है। उसके अस्तित्व पर ख़तरा है।
गोवा में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम की शुरूआत हुई कांग्रेस के 15 में से 10 विधायकों के टूटने और बीजेपी के साथ जुड़ने से। इनमें से तीन विधायक अब मंत्री हो चुके हैं। एक निर्दलीय को भी मंत्री बनने का अवसर मिला है।
गोवा सरकार के नये मंत्री
माइकल लोबो, चंद्रकांत कावलेकर, जेनिफर मोन्सेराते, फिलिप रोड्रिगेज
गोवा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रहे माइकल लोबो, चंद्रकांत कावलेकर, जेनिफर मोन्सेराते और फिलिप रोड्रिगेज नये मंत्री हैं। इनके लिए कहें तो अच्छे दिन आ गये हैं।
मगर, धक्का तो गोवा फॉरवर्ड पार्टी को लगा है जिसके तीन मंत्रियों को सरकार से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। एक निर्दलीय को भी प्रमोद सावंत सरकार से बाहर होना पड़ा है।
गोवा सरकार से बाहर हुए मंत्री
डिप्टी सीएम विजय सरदेसाई, जलसंसाधन मंत्री विनोद पालेकर, ग्रामीण विकास मंत्री जयेश सालगांवकर और राजस्व मंत्री रोहन खुंटे
जिन्हें मंत्रिमंडल से बाहर किया गया है उनमें शामिल हैं डिप्टी सीएम विजय सरदेसाई, जलसंसाधन मंत्री विनोद पालेकर, ग्रामीण विकास मंत्री जयेश सालगांवकर और राजस्व मंत्री रोहन खुंटे। इनमें खुंटे को छोड़कर सभी गोवा फॉरवर्ड पार्टी से हैं।
गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लिया
गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने प्रमोद सावंत सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। पार्टी नेता विजय सरदेसाई ने इसकी वजह बताते हुए कहा है कि वे मनोहर पर्रिकर को दिए गये वचन पूरा कर रहे थे। मगर, अब लगता है मार्च में मनोहर पर्रिकर की मौत हुई थी, आज उनके राजनीतिक आदर्शों की मौत हो गयी है।
पर्रिकर की राह से भटकी BJP
17 मार्च को जब मेरे पिता का निधन हुआ, उसी दिन मुझे पता लग गया था कि उनका चुना हुआ रास्ता खत्म हो गया। लेकिन, गोवा को इसके बारे में कल सीख मिली। – उत्पल पर्रिकर, पुत्र, दिवंगत मनोहर पर्रिकर
लगभग यही बात दिवंगत मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर ने भी कही है,
“17 मार्च को जब मेरे पिता का निधन हुआ, उसी दिन मुझे पता लग गया था कि उनका चुना हुआ रास्ता खत्म हो गया। लेकिन, गोवा को इसके बारे में कल सीख मिली।”
कर्नाटक में कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने बागी विधायकों को इस घटना से सबक लेने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी सिर्फ इस्तेमाल करना जानती है।
40 सदस्यों वाली गोवा विधानसभा
दल 2017 2019
BJP 13 27
CONG 17 05
40 सदस्यों वाली गोवा विधानसभा में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव की तुलना में तस्वीर 2019 आते-आते बदल चुकी है। 2017 में बीजेपी के पास 13 विधायक थे, आज 27 हो गये यानी दुगुने से ज्यादा। वहीं 2017 में कांग्रेस के पास 17 विधायक थे, अब 5 रह गये हैं।
गोवा में बीजेपी अब अपने बूते सत्ता में है। सहयोगी दलों की बैसाखी की अब उसे जरूरत नहीं रही। यही वजह है कि गोवा फॉरवर्ड पार्टी से पार्टी ने किनारा कर लिया। मगर, इससे बीजेपी की बहुमत वाली प्रमोद सावंत सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कह सकते हैं कि बीजेपी ने गोवा को ‘मज़बूत’ सरकार दे दी है। देखने वाली बात ये रहेगी कि गोवा की जनता को इस मजबूती का कितना फायदा मिलता है।