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निर्भया के गुनहगारों को फांसी : फंदा है तैयार

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इधर दया याचिका खारिज होगी, उधर चारों आरोपियों को लटका दिया जाएगा फांसी पर। गृहमंत्रालय याचिका खारिज करने का मशविरा दे चुका है। दिल्ली की सरकार भी फाइल क्लियर कर चुकी है। अब बस बाकी है एक्शन।

बलात्कार और हत्या के चारों दोषी हैं मुकेश सिंह, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर….

मुकेश सिंह बस का क्लीनर था, तो विनय शर्मा फिटनेस ट्रेनर। पवन गुप्ता फल बेचने का काम करता था तो अक्षय ठाकुर बिहार से भागकर दिल्ली आया बेरोज़गार युवक…दो और दरिंदे थे- एक राम सिंह, जो बस का ड्राइवर था और जिसने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली…और दूसरा था नाबालिग, जो 3 साल की सज़ा पूरी कर जेल से छूट चुका है…निर्भया से सबसे ज्यादा दरिंदगी इसी नाबालिग ने की थी।

क्या हुआ था निर्भया के साथ

16 दिसंबर 2012 की रात

निर्भया और ब्वॉय फ्रेंड बस पर चढ़े

6 लोग बस में मौजूद थे

दोनों के साथ मारपीट हुई

निर्भया के साथ दरिंदगी की

ठिठुरती रात में दोनों को फेंक दिया गया

निर्भया केस ने देश को जगाया

संसद ने नया कानून बनाया

रेप पीड़िता के लिए निर्भया फंड बने

16 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा निर्भया और उसके ब्वॉय फ्रेंड मुनिरका से द्वारका जाने वाली बस पर चढ़े। बस में मौजूद इन 6 लोगों ने ब्वॉयफ्रेंड के साथ मारपीट की। उसे बांध दिया। फिर निर्भया के साथ दरिंदगी की। बाद में ठिठुरती रात में दोनों को बस से बाहर फेंक दिया। निर्भया केस ने पूरे देश को जगा दिया था। संसद को बलात्कार पर नया कानून बनाने को बाध्य होना पड़ा। बलात्कार पीड़िता के लिए निर्भया फंड बने।

अब घटना के 7 साल बाद निर्भया से हुई दरिंदगी पर इंसाफ होने जा रहा है..फांसी दी जा रही है…तिहाड़ जेल के जेल नंबर 3 एक बार फिर इन दरिंदों को फांसी की गवाह बन रहा है..साफ-सफाई हो चुकी है..इससे पहले अफजल गुरु को यहां 9 फरवरी 2013 को फांसी दी गयी थी।

जेल नंबर 3 में एक बार में एक मुजरिम को ही फांसी दी जा सकती है। इसलिए यहां चारों दरिंदों को बारी-बारी से फांसी पर लटकाने की तैयारी है।

 

बक्सर जेल में बना है फंदा

  • 12 फंदे तैयार किए गये
  • खास तौर से बनाए गये हैं फंदे
  • फंदे पर मोम या मक्खन का लेप
  • केले भी मसलकर लगाए जाते हैं
  • फंदे की लम्बाई 1.8 से 2.4 मीटर

बिहार के बक्सर जेल में फांसी के लिए 12 फंदे तैयार किए जा रहे हैं। खास तौर से ये फंदे तैयार किए जाते हैं। इस पर मोम या मक्खन का लेप लगाकर इसे मुलायम बनाया जाता है। केले भी मसलकर रस्सी में लगाए जाते हैं। फंदे की लंबाई 1.8 मीटर से 2.4 मीटर के बीच होती है।

फांसी देने से पहले इन मुजरिमों से कोई काम नहीं लिया जा रहा है। उन्हें पूरा आराम दिया जा रहा है। इसके  अलावा उनका हर तरीके से मेडिकल टेस्ट भी किया जा रहा है। यह बताना जरूरी है कि हिन्दुस्तान के कानून के अनुसार स्वस्थ व्यक्ति को ही फांसी की सज़ा दी जा सकती है। कहा जा सकता है कि इन दरिंदगों को फांसी के साथ ही निर्भया के साथ लम्बित पड़ा इंसाफ पूरा हो जाएगा।

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