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OBC से SC में 17 जातियां : विरोध में मायावती

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बीएसपी प्रमुख मायावती ने योगी सरकार के उस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसमें उन्होंने ओबीसी वर्ग की 17 जातियों को SC वर्ग में शामिल करने का आदेश जारी किया है। फिर भी मायावती के विरोध में वोबात नहीं दिखती, जिसकी उम्मीद थी। न किसी बंद का एलान, न कोई राजनीतिक कार्यक्रम। बस एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स और औपचारिक विरोध। कहीं यह भी वोट बैंक की सियासत का हिस्सा तो नहीं!

एक नज़र OBC की उन जातियों पर डालते हैं जिन्हें SC वर्ग में शामिल किया गया है-

UP में SC वर्ग में शामिल 17 जातियां

निषाद, बिंद, मल्लाह, केवट, कश्यप, भर, धीवर, बाथम, मछुआरा, प्रजापति, राजभर, कहार, कुम्हार, धीमर, मांझी, तुरहा और गौड़

उत्तर प्रदेश में इन जातियों की आबादी करीब 14 फीसदी है और इसी वोट बैंक पर योगी सरकार की नज़र है। मुलायम और अखिलेश सरकार ने भी इन्हें लुभाने की कोशिश की थी और विधानसभा से इन्हें SC वर्ग में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा था। मगर, एक बार मायावती सरकार ने इसे रद्द कर दिया और दूसरी बार इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस पर स्टे लगा दिया। इसलिए योगी सरकार का फैसला व्यवहार में तभी लागू होगा जब हाईकोर्ट इस मामले में कोई अंतिम निर्णय लेगा। मगर, सियासी चाल चली जा चुकी है। यूपी में 12 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं और फिर 2022 में विधानसभा चुनाव भी है।

कोई राजनीतिक दल OBC वर्ग को भी नाराज़ करना नहीं चाहता। लिहाजा कांग्रेस, एसपी और दूसरी पार्टियां योगी सरकार के फैसले पर चुप हैं। मायावती ने भी मुंह खोलने में थोड़ा वक्त लगाया। मगर, आखिरकार वे एससी वर्ग के पक्ष में खुलकर सामने आ गयीं। वहीं, समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की बात करें तो अब तक वे खामोश हैं। न उन्हें इसका समर्थन करते बन रहा है, न विरोध करते। सही मायने में देखें तो योगी सरकार ने जो कदम उठाया है वह वास्तव में समाजवादी पार्टी की ओर से उठाए गये कदम का ही दोहराव है।

यूपी विधानसभा में 86 सीटें आरक्षित हैं और लोकसभा की 17. योगी सरकार के फैसले के बाद SC वर्ग की 17 जातियों को सुरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने का अधिकार प्राप्त हो जाएगा। मायावती इसी आधार पर योगी सरकार के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठा रही हैं। वह इसे संविधान का अपमान बता रही हैं। मगर, अब तक मायावती ने योगी सरकार के फैसले को गलत नहीं बताया है। आश्चर्य है कि मायावती खुलकर यह क्यों नहीं कह रही हैं कि

मायावती क्यों नहीं कह रही हैं खुलकर

SC वर्ग को योगी सरकार के फैसले से नुकसान होगा

आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाए बगैर नयी जातियां SC में कैसे?

योगी सरकार फैसले वापस ले

फैसला वापस लेने तक आंदोलन करेगी BSP

सच ये है कि उत्तर प्रदेश समेत देशभर में सरकारी नौकरियों की संख्या घटती जा रही है। आरक्षित वर्ग नौकरी से लगातार दूर हो रहा है। ऐसे में SC वर्ग में 17 जातियों को जोड़कर केवल स्पर्धा बढ़ाई जा रही है। इससे उन जातियों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी जो SC में रहकर भी हाशिए पर हैं और जिन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

सवाल ये है कि क्या आरक्षण का इस्तेमाल हमेशा वोट बैंक को ध्यान में रखकर किया जाता रहेगा? आरक्षण की व्यवस्था सीमित अवधि के लिए हुई थी। उम्मीद ये की जानी चाहिए थी कि संपन्न होकर जातियां आरक्षित वर्ग से बाहर आतीं। मगर, स्थिति उलट है। सामान्य वर्ग भी आरक्षित जातियों में शामिल होने की होड़ कर रही हैं और ओबीसी को SC वर्ग में भेजा जा रहा है। क्या इसका मतलब ये निकाला जाए कि देश विकास करता हुआ आगे नहीं जा रहा है बल्कि वह पीछे की ओर बढ़ रहा है?

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