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साक्षी-अजितेश : क्यों हिट हुई यह जोड़ी?

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यह कहना गलत नहीं होगा कि साक्षी मिश्रा और अजितेश कुमार की यह जोड़ी इस साल की चर्चित जोड़ी बन गयी है। हाईकोर्ट ने इस जोड़ी को पति-पत्नी के रूप में पहचाना है, माना है। करीब हफ्ते भर मीडिया में छायी रही इस जोड़ी को हाईकोर्ट के निर्देश पर सुरक्षा मिल चुकी है। इनके दाम्पत्य जीवन में खलल नहीं डालने का निर्देश भी कोर्ट जारी कर चुका है। यूपी मैरिज एक्ट के तहत शादी को रजिस्टर्ड कराने के लिए अदालत ने इन्हें दो महीने का समय भी दिया है।

आखिर एक शादी इतनी चर्चा में क्यों आ गयी?  मोहब्बत और मोहब्बत के बाद शादियां तो होती रहती हैं। आखिर इस शादी में ऐसा खास क्या था? इस शादी में

क्यों चर्चा में रही यह शादी?

  • दुल्हन BJP विधायक की बेटी हैं
  • दुल्हन को अपने बाप से डर लगता है
  • ब्राह्मण परिवार से आती हैं दुल्हन
  • दूल्हा दलित जाति से है

सिर्फ इन कारणों से ही यह शादी चर्चा में नहीं आयी। यह इसलिए भी चर्चा में आयी क्योंकि इस जोड़ी ने एक वीडियो वायरल किया। उसमें दुल्हन अपने पिता और दूल्हा अपने ससुर से अपनी जान पर ख़तरा बताता दिखा। जहां कहीं भी ये जाते, इनका पीछा करते कुछ लोग नज़र आते। वीडियो वायरल करने का मकसद अपनी जान बचाना था।

विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने खुद को पॉलिटिकली करेक्ट रखा। मीडिया का सामना होते ही उन्होंने कह डाला कि लड़की बालिग है और उसे अपनी मर्जी से शादी करने का पूरा अधिकार है। हालांकि वे यह बोलने से बचते रहे कि उन्हें यह शादी मंजूर है। इस विरोधाभाष ने भी इस शादी को चर्चा में ला दिया।

मीडिया भी इस शादी के साथ और इस शादी के ख़िलाफ़ नज़र आया। वह भी कहने को भले ही इस शादी को दो बालिग युवा-युवती की मर्जी बता रहा था, मगर आम लोगों की राय बताने के नाम पर इस शादी को सवर्ण-दलित शादी के रूप में रखते हुए विरोध को हवा दे रहा था। कई लोगों ने खुलकर इसे विजातीय शादी बताया और इसका विरोध किया।

हालत ये  हो गयी कि अदालत परिसर में ही दूल्हा अजितेश पर हमले हो गये। इस घटना के बाद अदालत सख्त हुआ और इस जोड़ी को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश जारी कर दिया गया।

मीडिया की मानसिकता भी तब उजागर हो गयी जब उसने साक्षी-अजितेश की शादी को फर्जी करार दिया। चंद बाइट के सहारे कई सवाल खड़े कर दिए गये-

  • मीडिया की मानसिकता भी उजागर
  • जिस मंदिर में शादी हुई, वहां शादी होती नहीं
  • जो सर्टिफिकेट हैं वह फर्जी हैं

ऐसी मीडिया रिपोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट में खारिज हो गयीं। हाईकोर्ट ने शादी और सर्टिफिकेट सबको सही माना। जाहिर है मीडिया रिपोर्ट में जिन बाइट का सहारा लिया गया, वे प्रायोजित रहे। मीडिया ने दूसरे पहलू को बिल्कुल दरकिनार कर दिया। न सिर्फ दरकिनार किया, बल्कि अजितेश के अतीत की कई ऐसी कहानियां उजागर करने की कोशिश की, जिससे यह बात स्थापित होती दिखी कि अजितेश

मीडिया ने दूल्हे पर उठाई उंगली

  • दूल्हा गैर जिम्मेदार है
  • लम्पट और लफंगा है
  • स्थानीय दबंग है
  • उसका सगाई तोड़ने का अतीत है
  • वह भरोसेमंद नहीं है

अजितेश और साक्षी की जोड़ी के चर्चा में बने रहने की वजह इस शादी के साथ और खिलाफ लोगों की लामबंदी रही। चाहे सही या गलत किसी भी कारण से हो, यह लामबंदी मीडिया में छाई रही। राजनीतिक रूप से भी इस शादी के समर्थक और विरोधी दो खेमे बने दिखे। बीजेपी नेताओं ने यह साफ कहा कि चूकि इस मामले में लड़की के पिता बीजेपी विधायक हैं, इसलिए मामले को तूल दिया जा रहा है।

नयी थ्योरी भी आयी सामने

पारिवारिक सूत्रों के हवाले से मीडिया एकतरफा स्टोरी भी कर रहा है। इसमें बताया जा रहा है कि विधायक राजेश मिश्रा के कुछ नजदीकी लोग, जो अब विरोधी हो गये हैं उनकी शह पर शादी की यह पूरी रणनीति बनी। इसका मकसद विधायक राजेश मिश्रा से बदला लेना था। शादी के लिए वकील करने से लेकर, छिपने-छिपाने, टीवी चैनलों तक पहुंचाने सबका इंतज़ाम उन्हीं विधायक से बैर रख रहे लोगों ने ही किया।

अजितेश और साक्षी की कहानी उनकी ही ज़ुबान से समझें तो करीब 10 साल की मोहब्बत के बाद यह शादी परवान चढ़ी। मजबूरी में भागकर शादी करनी पड़ी। साक्षी के परिवार के इस दावे को भी अजितेश खारिज करते हैं कि उन्हें इस बारे में कुछ पता नहीं था। साक्षी मानती हैं कि उनके पिता के लिए उनके अहंकार से बड़ा कुछ भी नहीं है। अहंकार में वे उनकी हत्या भी करा सकते हैं।

अब बात समझ में आ रही होगी कि मोहब्बत की इस दास्तान में कितनी कहानियां कैद हैं। जाति का एंगल है, राजनीति का पुट है, बदले की भावना है, अहंकार की पैठ है और है बहुत कुछ…मगर, सबसे बड़ी बात जो है वह है मोहब्बत। मोहब्बत है तभी मोहब्बत के दोस्त और दुश्मन संघर्षरत हैं, मोहब्बत है तभी उसकी जीत का सफर है, मोहब्बत है तभी न्याय का साथ है, जीत की आस है। जी हां, मोहब्बत ही वह सबसे बुनियादी बात है जिसने इस जोड़ी को चर्चा में ज़िन्दा रखा है। डर से लड़ाई, घर से जुदाई और फिर भी सगाई…ये मोहब्बत ही है।

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