अब संसद बोलेगी ‘ओSम’
न मेनका गांधी, न राधामोहन सिंह, न डॉ वीरेंद्र कुमार और न डॉ एसएस अहलूवालिया…लोकसभा के नये स्पीकर हैं ओम कृष्ण बिड़ला। मोदी-शाह की जोड़ी ने फिर चौंकाया है। राजस्थान के कोटा से ‘ओम’ निकल आया है।
लोकप्रिय जनप्रतिनिधि रहे हैं ओम बिड़ला
कोटा से 8 लाख से ज्यादा वोट पाने वाले ओम बिड़ला को 2014 में भी 55 फीसदी वोट मिले थे। मतलब ये कि वे लोकप्रिय जनप्रतिनिधि हैं। इतना ही नहीं 2003, 2008 और 2013 में ओम राजस्थान विधानसभा के लिए भी चुने गये थे।
हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी पर अच्छी पकड़
56 वर्षीय ओम कृष्ण बिड़ला को हिन्दी के साथ-साथ अंग्रेजी और संस्कृत का अच्छा ज्ञान है। उन्होंने गवर्नमेंट कॉमर्स कॉलेज, कोटा और महर्षि दयानन्द सरस्वती यूनिवर्सिटी, अजमेर से कॉमर्स की पढ़ाई की है।
छात्र जीवन से राजनीति
1979 में छात्र राजनीति में आए
चार साल भाजयुमो के ज़िलाध्यक्ष रहे
1991-197 तक प्रांतीय अध्यक्ष रहे
1997 से 2003 से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे
CONFED, जयपुर के चेयरमैन भी रहे
NCCFL के वाइस चेयरमैन भी रहे
छात्र जीवन से ही ओम बिड़ला ने राजनीति का दामन थाम लिया था। 1979 में वे छात्र यूनियन के प्रेसिडेन्ट चुने गये। कोटा में भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष के तौर पर चार साल काम किया। यह समय था 1987 से 1991. बाद में वे इसी मोर्चा के प्रांतीय अध्यक्ष बने और 1991 से 1997 के दौरान जिम्मेदारी निभाई। 1997 से 2003 के दौरान उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी निभाने का अवसर मिला। इसी बीच 1992 से 1995 के बीच ओम बिड़ला ने CONFED, जयपुर के चेयरमैन के तौर पर भी काम किया। वे नेशनल को-ऑपरेटिव कन्ज्यूमर फेडरेशन लिमिटेड के वाइस चेयमरेन भी रह चुके हैं।
ओम ने पहली बार दक्षिणी कोटा से 2003 में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वे लगातार तीन बार विधायक रहे। ओम बिड़ला राजस्थान सरकार में 2003 से 2008 तक राज्यमंत्री भी रहे।
16वीं और 17वीं लोकसभा में ओम बिड़ला स्टैंडिंग कमेटी ऑन इनर्जी और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की कन्सल्टेटिव कमेटी के सदस्य भी रहे।
ओम बिड़ला की पत्नी डॉ अमिता बिड़ला ने केंद्रीय कैबिनेट का आभार जताया है कि उनके पति को इस जिम्मेदारी के लिए चुना गया। ओम बिड़ला की दो बेटियां आकांक्षा और अंजलि हैं। आकांक्षा चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट हैं और अंजलि राजनीतिशास्त्र से रामजस कॉलेज, दिल्ली में पढ़ाई कर रही हैं।
मोदी-शाह की पसंद ओम कृष्ण बिड़ला ने बीजेपी ही नहीं एनडीए की ओर से स्पीकर के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश की है। उन्हें किसी विरोध का सामना करना नहीं पड़ा है। ओम बिड़ला को सर्वसम्मत उम्मीदवार के तौर पर स्पीकर की जिम्मेदारी मिली है।